बड़ी दूर अभी मुझे जाना है
बड़ी दूर अभी मुझे जाना है
शूल से भरे पथ पर
पुष्प कुछ बिछाना है
सुगम्य बनाना है
बड़ी दूर अभी मुझे जाना है
उद्यमित नित नव होकर
प्रस्वेद कुछ बहाना है
पाषाण पिघलाना है
बड़ी दूर अभी मुझे जाना है
थमना नही है थक कर
आगे बढ़ते जाना है
पराक्रम दिखाना है
बड़ी दूर अभी मुझे जाना है
घोर रात्रि हो विकल
तमस को हटाना है
दिनकर मनाना है
बड़ी दूर अभी मुझे जाना है
— शुभा तिवारी