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विश्व की बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर विषय’

विश्व की बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर विषय’
सम्पर्ण विश्व के साथ-साथ भारत के लिए भी यह दिवस बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जनसंख्या के मामले में भारत विश्व में अपना दूसरा स्थान रखता है। जोकि बहुत सोचनीय और गंभीर विषय है। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण उत्पन्न समस्याओं से लोगों को अवगत तथा जागरूक कराना है। यह सोचने वाली बात है कि क्यों विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की आवश्यकता हुई और इसे पूरे विश्व में क्यों मनाया जाता है? अगर बात पूरे विश्व की है तो विषय वास्तव में महत्वपूर्ण है। इस दिवस को मनाने के पीछे कई लक्ष्य है लेकिन सबसे पहला और अहम लक्ष्य लोगों को बढ़ती हुई जनसंख्या के दुष्प्रभावों से अवगत कराना है।
    अगर हम कुछ मुख्य समस्याओं की बात करें तो वे इस प्रकार हैं –
◆जनसंख्या बढ़ने से संसाधनों में आती कमी।
◆प्रवास के लिए स्थान में खाद्य पदार्थों की कमी।
◆ बच्चों के लिए शिक्षा संबंधी व्यवस्थाएं बाधित होना।
◆रोजगार की बढ़ती मांग।
◆कई प्रकार के रोगों का उत्पन्न होना।
◆अपराधों का बढ़ना ।
              आदि ऐसी कई प्रकार की गंभीर समस्याएं हैं जो बढ़ती जनसंख्या के कारण उत्पन्न होती हैं।।विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य ही है कि जनता के सामने दुष्प्रभावों को रखा जाए। उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाए और सब मिलकर इन गंभीर समस्या से निपटने का प्रयत्न करें। इस दिन को पूरे विश्व में भिन्न-भिन्न स्थानों पर विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है जैसे विषय और संदेश वितरण, नारी, चित्रकारी, कविता,, पोस्टर वितरण, विभिन्न विषयों पर प्रतियोगिता, शैक्षणिक जानकारी पत्र, सेमिनार, चर्चा,, कार्यशाला, वाद-विवाद प्रतियोगिता, मीडिया द्वारा जनता को जागरुक करना, टीवी और न्यूज़ चैनल, टीवी और रेडियो पर जनसंख्या संबंधी कार्यक्रम आदि के द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस को मनाया था इसका प्रचार कर लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस दिवस पर अन्य गंभीर समस्याओं को सबके सामने लाया जाता है  जिन से देश तथा विश्व जूझ रहा है और उनके निवारण के तरीकों पर विचार किया जाता है जैसे –
◆खराब स्वास्थ्य दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं का प्रमुख कारण है, तो इस दिन लोगों का ध्यान प्रजनन स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी दिलाना है।
◆लैंगिकता संबंधी जानकारी देना।
◆व्यक्तियों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराना। ◆लैंगिकता संबंधी रूढ़िवादिता के को हटाने के लिए समाज के लोगों को शिक्षित करना।
◆कई प्रकार के संक्रमण को रोकने के लिए यौन संबंधों के द्वारा फैलने वाली बीमारियों से अवगत कराना।
◆बालिकाओं के हित में असरदार कानून व नीतियों की मांग तथा इसके साथ ही प्राथमिक शिक्षा एक समान होने पर बल देना।
◆ लोगों को यह शपथ दिलाना कि वह केवल एक या एक से दो तक संताने रखें।
           इसके अतिरिक्त अन्य कई और भी  मुद्दे हैं जिन्हें विश्व जनसंख्या दिवस के दिन रखा जाता है।  विश्व जनसंख्या दिवस को पूरा विश्व 11 जुलाई को कई प्रकार की गतिविधियों द्वारा मनाता है क्योंकि आज विश्व का हर देश विकसित और विकासशील दोनों तरह के देश जनसंख्या विस्फोट से चिंतित है। इस दिवस की शुरुआत 11 जुलाई 1989 को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसलिंग (यूएनएफपीए) द्वारा की गई । इसकी शुरुआत इसलिए हुई क्योंकि उस समय विश्व की जनसंख्या 5 बिलियन तक पहुंच गई थी जिसकी वजह से इसे ‘ 5 बिलियन डे’ के रूप में मनाया गया किंतु बाद में ‘ विश्व जनसंख्या दिवस’ घोषित किया गया ।
    ..इस दिवस को मनाए जाने का सुझाव  Dr KC zakariya द्वारा दिया गया था। जब दुनिया का आंकड़ा 5 अरब तक पहुंच गया था तब उस समय वह विश्व बैंक में कार्यरत थे। तब से प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाता आ रहा है और इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष इस दिवस पर किसी एक विशेष मुद्दे को लक्ष्य बनाकर उसे थीम के रूप में रखा जाता है। इस वर्ष की थीम का विषय विशेष रूप से कोविड-19 संक्रमण के दौरान विश्व में सभी के (विशेषतः महिलाओं और लड़कियों)  के स्वास्थ्य और अधिकारों की सुरक्षा पर आधारित है। हाल ही में यूएनएफपीए के एक शोध के अनुसार यदि लॉकडाउन 6 महीने तक जारी रहता है तो स्वास्थ्य सेवा में बड़ी गड़बड़ी हो सकती है ।जबकि साल 2019 में जनसंख्या दिवस की थीम ‘ family – planning empowering people, developing Nations’ रखी गई थी ।
      इस प्रकार विश्व जनसंख्या दिवस को एक महत्वपूर्ण दिवस कहा जा सकता है क्योंकि कई प्रकार के जनसंख्या संबंधी गंभीर विषयों पर जनता का ध्यान आकर्षित करना और उन पर चर्चा करना इसी दिन मुख्य रूप से किया जाता है।और प्रत्येक वर्ष लगातार बढ़ रही जनसंख्या के नए-नए दुष्प्रभावों को भी इस दिन सबके सामने लाया  जाता है। जबकि इसके लिए गवर्नमेंट द्वारा कई प्रकार के कार्यक्रम और जागरूक अभियान चलाए चलाए जाते हैं जिससे जनसंख्या को कंट्रोल रखा जा सके तथा उनसे होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सके।
         वर्तमान में विश्व की कुलजनसंख्या7,773,645,230 है जिनमें प्रत्येक दिन जन्म -मृत्यु का आंकड़ा  घटता – बढ़ता है। अगर अभी भी इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले समय में परिणाम अत्यंत भयानक होंगे। वर्तमान में भी  कई प्रकार के परिणामों से विश्व गुजर रहा है।
                           श्रीमती लक्ष्मी सैनी

लक्ष्मी सैनी

असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, माइक्रोबायलॉजी अम्बाह पी.जी. कॉलेज अम्बाह, अम्बाह, मुरैना (मध्यप्रदेश) मोबाइल-+916261457948 ईमेल[email protected]