काम तुम्हारा – नाम तुम्हारा
चिड़ियों की चूँ-चूँ, चीं-चीं कहती
सदा रहो तुम गाते – मुस्काते
पल-पल करो सदा सद उपयोग
श्रम करने वाले कभी नहीं पछताते |
चींटी रानी करती रहती काम
मूल्य समय का वो जानती,
मन में भरकर अटल विश्वास
निरन्तर आगे ही आगे बढ़ती |
बाजी तुम भी जीत जाओगे
आलस त्याग काम पे लगजाओगे
एक दिन नया सवेरा लाओगे
सूरज नया उगाओगे |
चंदा तुमको शीश झुकायेगा
पर्वत गुणगान तुम्हारा गायेगा
जब सब काम समय से करोगे
नाम तुम्हारा जग में अमर हो जायेगा |
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा