प्यार की राखी -गीत
प्यार की राखी लेकर बहना आई है
भैया कलाई को अपनी बढ़ा दीजिए।
रेशम के धागों में खुशियाँ लाई है।
भैया कलाई को अपनी बढ़ा दीजिए।
थाल पूजा की देखो तो है सज गई
आरती की ज्योति भी है जल गई
रोली का तिलक मैं लगाऊं भैया
अब थोड़ा सा तो मुस्कुरा दीजिए
प्यार की राखी लेकर बहना आई है
भैया कलाई को अपनी बढ़ा दीजिए।
प्यारा रिश्ता है भाई बहन का यहाँ
तुझमें दिखता है मुझको सारा जहाँ।
आज खुशियों भरा त्यौहार आया है
मिठाई हाथों से मेरे अब खा लीजिए
प्यार की राखी लेकर बहना आई है
भैया कलाई को अपनी बढ़ा दीजिए।
प्यार के बंधन को न भुलाना कभी
रिश्तों की डोर को निभाना सभी।
सलामत रहो ऐ मेरे भैया तुम
अपनी बहना की यह दुआ लीजिए।
प्यार की राखी लेकर बहना आई है
भैया कलाई को अपनी बढ़ा दीजिए।
रवि श्रीवास्तव
रायबरेली, उत्तर प्रदेश