कविता

तब खुद को अकेला पाओगे

जब भी खड़े होगे तुम
भ्रष्टाचार के खिलाफ़
भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ़
अन्याय के खिलाफ़
कुशासन के खिलाफ़
गुंडाराज के खिलाफ़
तब- तब खुद को
अकेला पाओगे और
खिलाफ़त की आवाज भी
बंद कर दी जाएगी
शायद हमेशा के लिए।

जब उठती है आवाज
अन्याय के विरुद्ध
तब भीड़ नहीं लगती।
भीड़ तब लगा करती है
जब कोई प्यासा आदमी
बिलबिला रहा होता है
पानी के लिए
गिरा हुआ सड़क पर,
नहीं होता है कोई
एक बोतल पानी देनेवाला।
लेकिन हाँ,
सबका मोबाइल ऊर्जावान होता है
वीडियो बनाने और
फेसबुक- इंस्टाग्राम पर
लाइक्स पाने के लिए,
इतना होने के बावजूद
सभी बड़ी शान से
लगे होते हैं बताने में
आदमियों को सबसे समझदार
और सर्वाधिक संवेदनशील।

— अनुज पांडेय

अनुज पांडेय

कक्षा 8 वीं का छात्र, उम्र 14 वर्ष पिता का नाम श्री देव नारायण पाण्डेय उर्फ़ गुड्डू पांडेय, माता का नाम श्रीमती प्रेमशिला देवी। साहित्य में अत्यधिक रुचि। मोबाइल नंबर- 8707065155 ईमेल एड्रेस- [email protected] पता - s/o देव नारायण पाण्डेय उर्फ़ गुड्डू पांडेय ग्राम- पड़ौली पोस्ट-ककरही जिला-गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) पिन कोड- 273408