फिर से आएंगे राम अवध में
बरसों की अधूरी उर अभिलाषा अब पूरी है होने वाली
फिर से आएंगे राम अवध में चहुं दिश होगी अब खुशहाली,
नवनिर्मित चौखट पूजन होगा और द्वार बंधेंगे फिर तोरण
आम्र और केले के पत्र से फिर महकेंगे वन उपवन
चहुं दिश मंगल गान गवेंगे हर रोज मनेगी अब दीवाली
फिर से आएंगे राम अवध में चहुं दिश होगी अब खुशहाली,
सरयू के पावन जल में फिर स्नान करेंगे नर नारी
होगा अब राम का मंदिर निर्मित जयजयकारे होंगे भारी
पुलकित होगा मन जन जन का चहुं दिश होगी बस हरियाली
फिर से आएंगे राम अवध में चहुं दिश होगी अब खुशहाली,
प्रत्येक शिखर अब मन्दिर का चूमेगा गगन की ऊंचाई
हर एक स्तम्भ पर लिखी जाएगी रामायण की चौपाई
दर्शन पाएंगे सब श्री रघुवर के संग सिया की शोभा है न्यारी
फिर से आएंगे राम अवध में चहुं दिश होगी अब खुशहाली,
रतन जड़ित सिंहासन होगा मोती से सजेंगी पोशाकें
प्रांगण में बनेंगी फिर रंगोली फिर चारण गाएंगे मलहारे
फिर गर्भ गृह में सज जाएगी राम लला मूरत प्यारी
फिर से आएंगे राम अवध में चहुं दिश होगी अब खुशहाली,
होगी सुबह शाम आरती शंखनाद और घंटों संग
दशरथनन्दन की सेवा को मन में उठती है मधुर तरंग
हो जाएगा देश खुशहाल दिखेगी अब राम राज की झांकी
फिर से आएंगे राम अवध में चहुं दिश होगी अब खुशहाली,
लाखों द्वीपों की पंक्ति से ये अवध पुरी सज जाएगी
जब जनक दुलारी रामलला संग मंदिर में पधारी जाएंगी
संग बिराजे लखन लाल और हनुमत की मूर्ति अति न्यारी
फिर से आएंगे राम अवध में चहुं दिश होगी अब खुशहाली।।
— अनामिका लेखिका