सोशल एंड मोटिवेशनल की शानदार काव्य गोष्ठी
नई दिल्ली 5अगस्त. प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था सोशल एण्ड मोटिवेशनल ट्रस्ट के द्वारा ऑन लाइन काव्य गोष्ठी ”काव्य बहार” का शानदार आयोजन किया गया।
गोष्ठी का शुभारंभ संस्था की अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध साहित्यकार,कवयित्री,लेखकममता सिंह ने दीप प्रज्वलन, व भावना मिश्रा की मधुर वाणी में सरस्वती वन्दना से हुवा। मुख्य अतिथि नामचीन साहित्यकार डॉ लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने कहा:-
पति के लहू लुहान देह लड़खड़ाई जब
हाथ से तिरंगा बस गिरने वाला ही था
देशभक्त कितनी महान थी पतिव्रता ने
पति से पहले तिरंगा संभाला था।
मॉरीशस से वरिष्ठ साहित्यकार कल्पना लालजी की पंक्तिया- काश एक दिन ऐसा हो जाये
जब साइंस इतनी प्रगति कर जाये,और मोबाइल मे ऐसा ऐप बन जाये ।
संस्था की अध्यक्ष प्रसिद्ध साहित्यकार ममता सिंह ने कहा-
जाने कैसा हर जगह पहरा हुआ
दिखता इंसान क्यों है डरा हुआ
फैला है चारों दिशाओं में जहर
इंसान ही इंसान का मोहरा हुआ।
साहित्यकार ममता किरण ने कहा- कोई व्यवस्था ऐसी लोगों
हरगिज ना स्वीकार करो
हो अन्याय जरा सा भी जब
फौरन गहरा वार करो। गुरुग्राम से दीपशिखा श्रीवास्तव”दीप” ने कहा-
कौन रोक सका है खुशबू-ए-गुल को कभी।
कहने को तो चमन पर मालिक की हुकूमत है।
रवींद्रनाथ सिंह ने रक्षाबंधन पर काव्यात्मक रूप में कहा-
धागों का त्यौहार है राखी
भाई बहन का प्यार है राखी
भाई के हाथो पर शोभित
बहनों का संसार है राखी।
चौधरी बल्ली सिंह ने कहा-
यद्यपि अल्प ज्ञान है मुझमे फिर भी करता नाज हूँ,
वरिष्ठ साहित्यकार सविता स्याल की पंक्तिया-
माँ के सपूतों आगे आओ
वीरों की लाशों पर
चलकर आयी ,
अनमोल आज़ादी
की लाज़ बचाओं
गोष्ठी में सानिध्य भोजपुरी और हिंदी की वरिष्ठ साहित्यकारा शेफालिका वर्मा जी रहा। मुख्य रुप से रबिन्द्रनाथ सिंह,सोशल एंड मोटिवेशनल ट्र्स्ट गाजियाबाद की अध्यक्ष भावना नवीन, अंजू भारती,ममता झा, मंजू विश्नोई गुप्ता,मंजुला अस्थाना
,सुरभि कश्यप,एडवोकेट ज्योति झा,आशा चौधरी, बलिराज चौधरी, रामदत्त शर्मा, प.सुदामा शर्मा,अर्चना अनुप्रिया,रेखा श्रीवास्तव,रंजु सिन्हा रचनाकारों ने अपनी बेहतरींन रचनाओं से गोष्ठी के चार चांद लगा दिए।
कवयित्री दीप शिखा श्रीवास्तव दीप ने बहुत हीं सुन्दर संचालन किया।अंत में संस्था अध्यक्ष ममता सिंह ने आभार व्यक्त किया।
— डॉ. शम्भू पंवार