सामाजिक

हार का शोक नहीं,जश्न मनाइए

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसे तमाम मौक़े आते है जब उसको जीवन मे हार का सामना करना पड़ता है ।हार यानी क्या? जब भी हम कोई काम करने की सोचें और वो हमारे मनमाफिक न हो पाए तब हम यही सोचने लगते है कि हम हार गए कितनी अजीब बात है ना ?उसी समय अगर कोई उसी काम के बारे में बात करने लग जाए तब ऐसा लगता है जैसे ये हमें हमारी हार पर खुशी महसूस कर रहा है फिर उस इंसान को हम अपना दुश्मन मानने लगते है
हमने अक्सर देखा है छोटे-छोटे बच्चे जब भी कोई खेल खेलते है वह जानते भी है उनमें से किसी की तो हार निश्चित है फिर भी जीतने वाले के चेहरे पर खुशी और हारने वाले के चेहरे पर उदासी होती है ।
हम सभी अपनी जिंदगी में कोई न कोई लक्ष्य निर्धारित करते है । उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम प्रयास भी करते है उस समय अगर हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए चूक जाए तो निराश हो जाते है बल्कि होना तो ये चाहिए कि उस समय लक्ष्य प्राप्ति का नया तरीका खोजना चाहिए।
वर्तमान समय मे ऐसा ही अक्सर हमारे रिश्तो में होने लगा है किसी से भी हम जुड़ते है तो हमारे मन में उस रिश्ते को लेकर धारणा बनने लगती है ,उन रिश्तों की हम मंजिल भी तय कर लेते है फिर वही रिश्ते हमसे अलग हो जाते है फिर मनाया जाता है उनका शोक हम कभी ये नही सोचते कि जरूरी नही है हम जो चाहे वही हो ,रिश्ते हमारी सोच के हिसाब से नहीं चलते। इसलिए जब भी किसी रिश्ते से हमे धोखा मिले हम कुंठित होने लगते है।क्या ये सब करना सही है??
इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि जिंदगी मिली है तो संघर्ष भी आजीवन चलते रहेंगे फिर इन हार और संघर्षों से घबराना कैसा?
हम सभी ने यह अनुभव तो अवश्य ही किया होगा कि वर्तमान समय मे जो परिस्थितियां हमे अत्यधिक दुखद महसूस होती है समय के साथ उन परिस्थितियों पर हम विजय प्राप्त अवश्य करते है।जीवन मे हमे कैसी भी विषम परिस्थितियों से सामना क्यों न करना पड़े लेकिन हमें मन से हार नही माननी चाहिए।किसी ने कहा कि –
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।
जिस तरह से हम ढ़लते हुए सूर्य का शोक नही करते क्योंकि हम ये जानते हैं कि अंधेरी रात के बाद सुबह सूर्योदय निश्चित ही होगा तो फिर इन छोटी-छोटी बातों का शोक क्यों??
जिस तरह सड़क से सड़क कभी भी सीधी नही होती कुछ दूरी तय करने के बाद उसमें भी मोड़ अवश्य आता है …!हमारी जिंदगी भी एक सड़क जैसी है बस थोड़े से धैर्य के साथ चलने की जरूरत है सुखद मोड़ भी अवश्य आयेगा।

जूली परिहार

टेकचंद स्कूल के पास अम्बाह, मुरैना(म.प्र.) मोबाइल नं-8103947872 ईमेल आईडी[email protected]