कन्हैया आने वाले हैं
सजा दो पथ को पुष्पों से कन्हैया आने वाले हैं
कन्हैया आने वाले हैं, कन्हैया आने वाले हैं,
लगा है मास भादों का ,चमकती चंचला नभ में
उफनती सारी नदियां है, श्याम से मेघ है नभ में
बरस जा ओ मेघ छन छन छन ,कन्हैया आने वाले हैं
सजा दो पथ को पुष्पों से कन्हैया आने वाले हैं,
खिल गई कलियां उपवन की, फैलती खुशबू तुलसी की
प्रणय का गान पूर्वा में ,चटक सी चांदनी नभ में
बह रही वेग से यमुना ,कन्हैया आने वाले हैं
सजा दो पथ को पुष्पों से कन्हैया आने वाले हैं,
सज गई दीपों की पंक्ति ,बन गई द्वार रंगोली
महकता धूप से आंगन ,बसन्ती हो गया मौसम
लग रही आज दिवाली, कन्हैया आने वाले हैं
सज़ा दो पथ को पुष्पों से कन्हैया आने वाले हैं,
खड़े है भक्त मंदिर में ,रंगे है हम भी भक्ति में
मध्य रात्रि की शुभ बेला, जन्म लेंगे जो बनवारी
लगा लो दिल से जयकारे ,कन्हैया आने वाले हैं
सजा दो पथ को पुष्पों से कन्हैया आने वाले हैं।।
— अनामिका लेखिका