संस्मरण

अनन्त यात्रा

बहुत खुश है वो यह जानकर कि दो नन्हे नन्हे फूल उसके अंदर पल रहे । जिसको सोच कर ही उसका मन बहुत खूब रोमांचित हो रहा है।वो हर पल उन्हीं के ख्यालों में खोई रहती और सोचती रहती उनके आने के बाद ऐसा करेगी वैसा करेगी । उनके साथ कैसे समय बिताएंगे उनके साथ जो दोनों आने वाले है और उनके लिए खुश हो रहे है। उनके बारे में सोचकर रोमांचित हो रहे है ।लेकिन समय की बात है उसके पेट में अचानक दर्द उठा दोनों बहुत घबरा गए ।
उसकी घबराहट देख उसके पति घबरा गए उसको ले तुरंत अस्पताल गए ।
“डॉक्टर डॉक्टर डॉक्टर देखिए मेरी पत्नी को क्या हो गया है? बेहोश सी हो रही है यह इसका यह हाल क्यो हुआ?
मेरी पत्नी को देखिए यह बेहोश क्यों हो रही है ?
वह जाने किन ख्यालों में खोई थी अभी भी उसके कानों में आवाज गूंज रही हैनन्हे नन्हे बच्चों की हंसी खुशी वो उनके आगे पीछे दौड़ रही है। बेहोशी की हालत में विचार चल रहे है। दर्द का एहसास है और नहीं भी ।
उसको मालूम है वो अस्पताल लाई गई है । एक को डॉक्टर बचा नही पाये दूसरे बच्चे को बचाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टर आए उसकी हालत देखी घबरा गए।उसकी नब्ज डूब रही थी तुरंत उसको ऑपरेशन थियेटर में में लिया गया और ऑक्सीजन लगा दी गयी डॉक्टर उसको बचाने की कोशिश कर रहे है । उसके बच्चे को बचाने की कोशिश कर रहे लेकिन वहअलग दुनिया में विचरण कर रही है । सब बोल रहे उसको सुनाई दे रहा ,नहीं दे रहा है। बहुत हल्की आवाज आ रही है। तभी उसे एक रोशनी दिखती है वह उस रोशनी उसके पीछे पीछे जा रही है रोशनी देखते ही देखते एक सुरंग में चली गई वह भी उसके पीछे जा ही रही है कि अचानक से झटका महसूस हुआ उसको और उसकी हृदयगति दोबारा चलने लगी।उसे होश आ गया। लेकिन इस सारे सफर के अंदर उसने अपना दूसरा बच्चा भी दिया है। उसने डॉक्टर और अपने पति को यह बात बताई तो सबको बहुत आश्चर्य हुआ कि यह चमत्कार कैसे हुआ साइंस चमत्कार कहती है। हम इसको कहते हैं कि अंतिम यात्रा पर जा रही थी लेकिन वापस आ गई उसका वह अनुभव किसी चमत्कार से कम नहीं क्योंकि उस अनुभव को उसने महसूस किया उसने दिया लेकिन उसको आज भी याद है । जबकि उसके बाद उसके बगिया में तीन नन्हे फूल है जो उसको बहुत प्यार करते हैं दोस्तों चमत्कार होते हैं यह कहानी नहीं हकीकत है किसी अपने की किसी करीबी की।

— डॉ सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।

2 thoughts on “अनन्त यात्रा

  • अंजु गुप्ता

    आपकी कहानी में कॉपी – पेस्ट गलत हो गया है, आप इसे ठीक कर लें।

  • अंजु गुप्ता

    “…. देखते ही देखते मैं एक सुरंग में चली गई। तभी मुझे एक रोशनी दिखाई दी और आवाज़ आई “अच्छे कर्म” । अचानक से मुझे झटका महसूस हुआ और मेरी नींद खुल गई।” यह मेरी भी कहानी है। इसे पढ़ते है सब दुबारा आंखों में घूम गया।

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