सामाजिक

बर्थडे नहीं , जन्मदिन

गिलास आधा खाली है। बर्थडे पर मोमबत्ती बुझा कर केक काटना बाद में क्रीम की बरबादी कर चेहरे को कार्टून बनाना फोटो वीडियो सेल्फी। वॉट्सएप पर रात्रि में ही फोटो स्वयं ही पोस्ट कर देना। बर्थडे की बधाई का उत्तर इमोजी से भेजना। बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने का समय नहीं। मंदिर जाने का समय नहीं। होटल में पार्टी में गिफ्ट पैकेट का आदान प्रदान। पुरुष ऑफिस बिजनेस राजनीति पर बहस करते हुए। महिलाएं शॉपिंग सास की बुराई गहने ऑनलाइन के दिखावे पर चर्चा करते हुए। जन्मदिन वाला एक साल का नन्हा बच्चा भूखा ही सो गया है। हैप्पी बर्थडे का  तमाशा समाप्त।

गिलास आधा भरा है। जन्म दिन पर दादी के साथ सुबह मंदिर जाना। नर्सरी से एक पौधा लाकर लगाना एवम् प्रतिदिन पानी देते रहने का भी संकल्प। 18 वर्ष से अधिक उम्र है तो ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान कर किसी अनजान व्यक्ति का जीवन बचाने का शुभ कार्य। सरकारी स्कूल में बच्चों को स्टेशनरी बिस्किट बांटना। सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए फल वितरण करना। बड़ों का आशीर्वाद लेना। आर्थिक स्थिति के अनुसार पुण्य कार्य के लिए सहायता देना। किसी मेधावी छात्रा की उच्च शिक्षा के लिए फीस जमा करना। कुछ नया अच्छा कार्य करने विचार कर संकल्प कर अमल करना। मम्मी दादी के हाथ की बनी घर की स्वादिष्ट मिठाई खाना। दादी मम्मी पापा दादा से तिलक करवाकर आशीर्वाद लेना। शुभ जन्म दिन को सार्थक करने की इति।

क्या आप भी अगली बार बर्थ डे नहीं , लेकिन जन्म दिन मनाएंगे ?

— दिलीप भाटिया

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी