वीर छन्द गीत – कुछ तो लोग कहेंगे
कुछ तो लोग कहेंगे इसकी,करे उम्र भर क्यों परवाह ।
नाहक ही खुशियां खो बैठे,अंतर्मन का करके दाह ।
उलझ गए इस यक्ष प्रश्न पर,नही मगर पाये परिणाम ।
आत्म अनुभूति तजी स्वयं ही,नष्ट किये सुख स्वत:तमाम ।
करो वही जो निज को भाए, क्या हो प्रतिपल करके आह ।।
कुछ तो लोग कहेंगे ………………।
तुम हो राही क्षिति अंनत के,बैठ नहीं जाना थक हार ।
स्वप्न सभी साकार करो तुम,पूर्ण प्राप्त तुमको अधिकार ।
यदि लेकर उर प्यास चलोगे,तभी मिलेगा नीर अथाह ।।
कुछ तो लोग कहेंगे ………………।
माना पथ में तम के तम्बू,दीप आस कर लेना थाम ।
गति जीवन का नाम दूसरा,पथिक नहीं अब है आराम ।
धर्म,कर्म,जप भक्ति योग में,सतत श्वास का हो निर्वाह ।।
कुछ तो लोग कहेंगे ………………।
नर अपने सिद्धांत भूलकर, पर निंदा मत रहना लिप्त ।
मूल मंत्र संघर्ष जीव का, भटकाएँगे लोग विक्षिप्त।
व्यर्थ कान मत देना जग पर,काम जगत का करना डाह ।।
कुछ तो लोग कहेंगे ………………।
— रीना गोयल