गीत/नवगीत

कुकुभ छन्द गीत – जंग जीत ही जायेंगे

कोरोना से छिड़ी भयंकर,जंग जीत ही जायेंगे ।
अभी ज़रा विचलित हैं लेकिन,कब तक यूँ घबरायेंगे ।।
मानवता के शुक्ष्म शत्रु का,छद्म रूप दिखलाना है ।
है सवार संकल्प शीश पर,अब पाषाण गलाना है ।
उग्र ज्वाल यदि हृदय भरेंगे, नष्ट तभी कर पाएंगे ।।
कोरोना से छिड़ी भयंकर……..।
रख कर  दूरी भीड़-भाड़ से, कहीं नहीं आएं जाएं ।
अभिवादन हो हाथ जोड़ कर,ना मिले न गले लगाएं।
अब सख्ती से अनुशासन के,नियम सभी अपनाएंगे ।।
कोरोना से छिड़ी भयंकर ……।
हमें बढ़ानी है  प्रतिरक्षा, नित्य  योग  व्यायाम  करेंगे ।
संक्रमण पर विजय प्राप्त कर,नहीं रुग्ण असमय मरेंगे ।
स्वच्छता को हथियार बना हम,भारत देश बचाएंगे ।।
कोरोना से छिड़ी भयंकर …….।
सार समझ लो श्वास-श्वास का,बंद करो नित मनमानी ।
हां!बचाव में ही इलाज यह ,बात  समझ ले  हर प्राणी  ।
कब तक घेरेंगी विपदाएं,दिन यह भी टल जाएंगे ।।
कोरोना से छिड़ी भयंकर …….।
— रीना गोयल

रीना गोयल

माता पिता -- श्रीओम प्रकाश बंसल ,श्रीमति सरोज बंसल पति -- श्री प्रदीप गोयल .... सफल व्यवसायी जन्म स्थान - सहारनपुर .....यू.पी. शिक्षा- बी .ऐ. आई .टी .आई. कटिंग &टेलरिंग निवास स्थान यमुनानगर (हरियाणा) रुचि-- विविध पुस्तकें पढने में रुचि,संगीत सुनना,गुनगुनाना, गज़ल पढना एंव लिखना पति व परिवार से सन्तुष्ट सरल ह्रदय ...आत्म निर्भर