लघुकथा

प्रजातंत्र

“भले इंसान!  ईश्वर के नाम पे रहम करो l हमने क्या बिगाड़ा है… बस अपनी मर्जी से ही इस प्रजातांत्रिक देश में अधिकार के तहत चुनाव में तेरे  दल के खिलाफ एक अन्य दल को वोट दिया था l”
एक ने कहा, ” ठीक बोलता है । लोकतंत्र के तहत ही तेरा फैसला होगा l”
भीड़ ने रहम दिखाई l उपस्थित जनता जनार्दन ने शीघ्र ही निर्णय लिया । फैसला उसके खिलाफ गया। लोग उसे बीच चौराहे पर सिर के आधी बाल, मुँछ मुड़कर जूते का माला पहना दिया l
— राजीव कुमार

राजीव कुमार

C-13 कुनुस्टोरिया कोलियरी पोस्ट - तोपसी, (प. बर्दमान) पिन-713362