कविता

शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस अवसर हैं, आदर छलकाने को ।
स्नेह सिक्त सुमनों से, ज्ञान प्रकाश फैलाने को ।।
याद करो बीते दिनों को, जमीं पर निरक्षर आया,
पहले अक्षर से लेकर, दक्ष बनने तक सिखलाया ।
जिसके इशारों पर तुमने, जाना जगत का लेखा,
उपदेश वचन पाकर ही, लक्ष्य को दूर तक देखा ।
अरमानों के सपने देखे, संशय सभी मिटाने को –
स्नेह सिक्त सुमनों से, ज्ञान प्रकाश फैलाने को ।।
असमंजस के क्षण में भी, अमर ज्योति दिखलाया,
जीवन के अनुभव से उसने, हर उलझन सुलझाया ।
जीयो हर्ष में, बढो अर्श तक, दायित्वों को जानों,
धर्म न्याय का यही तकाजा, गरिमा को पहचानो ।
आशीर्वाद के संबल प्रेरक, फरहाद फर्ज निभानेे को –
स्नेह सिक्त सुमनों से, ज्ञान प्रकाश फैलाने को ।।

अमरजीत कुमार "फरहाद"

सहायक लेखा अधिकारी रक्षा लेखा अपर नियंत्रक कार्यालय, लेखानगर, नासिक - 422009 email - [email protected]