“अंग्रेजी का सच”
मैं और मेरा बेटा रिषु डायनिंग टेबुल पर बैठकर खाने के इंतजार कर रहे थे,तभी मेरी पत्नी बोली-नये तरीके का डीस बना हैं।रिषु अंग्रेजी में एक शब्द का इस्तेमाल किया तो मैं बोला -इतना टफ अंग्रेजी शब्द क्यों इस्तेमाल करते हो! मम्मी नहीं समझ पायेगी और मैं बोल पड़ा.. इसको हिन्दी में सदृश( मिलता-जुलता) कहा जाता हैं..
रिषु बोला-आप भी तो हिन्दी टफ बोल रहें हैं और हमें तो रिजमबल का मेनिंंग सिमेलिरिटि आता हैं, आप लोगों ने ही तो सिखलाया हैं, हमें हिन्दी का शब्द कहां बताया गया हैं। हमारे टीचर ने तो अंग्रेजी का अर्थ अंग्रेजी में ही सीखने का हिदायत दी थी, तो हमें हिन्दी शब्द की जानकारी कहाँ से होती। जो शिक्षा मिली हैं, वहीं तो हमलोग जानते हैं।
…..और मैं सोचने लगा था कि वह सच कह रहा हैं,इन जैसे सभी बच्चों को संस्कार,सभ्यता और संस्कृति की शिक्षा हम कहाँ दे पाये ..हम सभी तो सिर्फ अंग्रेजों के जाने के बाद भी उसी के प्रभाव में अपने देश के नौनिहालों को अंग्रेजी माध्यम से पढानें की होड़़ में लगे रहे और उच्च शिक्षा..देने के ऐवज में अपनी सभ्यता, संस्कृति से कोसो दूर होते जा रहे हैं…..