पर्यावरण

इंजीनियर पक्षी बया और पहाड़ी मैना

पक्षियों की बात करें तो हर पक्षी की अपनी खासियत होती है। जिससे वो इंसानों को पसंद आते है।कई पक्षी इंजीनियर भी होते है।जिसमे प्रमुख नाम बया पक्षी का है।सुंदर सा नीड वो कुएं ,कटीली झाड़ियों मे बनाकर लटकाती है।तेज आंधी,पानी से वो टूटता नही।इतनी मजबूती से बुना, चारे के द्वारा जिसमे अंदर नीचे की ओर से जाया जाता।बुनाई का अदभुत रूप ये प्राकृतिक रूप से वो तैयार करते है।ये कला  की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम ही होगी।सृष्टि का अनोखा इंजीनियर बया श्रेष्ठ पक्षी है।मप्र में कही- कही मैना पक्षी दिखाई देता है।छत्तीसगढ़ में मैना को प्रमुख दर्जा दिया जाकर मैना को विशिष्ट सम्मान प्राप्त है तथा इसे छत्तीसगढ़ का राजकीय पक्षी घोषित किया गया है|इनकी संख्या में कमी को देखते हुए उसे विलुप्त होने से बचाने के प्रयास जारी है।मैना की खासियत होती है कि ये इंसानो की बोली की हूबहू नक़ल उतारती है।विलुप्त प्रजातियों के पक्षियों को बचाने के प्रयास किये जाना चाहिए क्योकि धरती पर जितना अधिकार इंसानो का है. उतना ही पशु -पक्षियों और जीव जंतुओं का भी है ।

— संजय वर्मा “दॄष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच