गीत/नवगीत

ढाक के तीन पात

कोशिशें बहुत करीं पर ,कुंभकरण जागे नही ।
अंत में परिणाम आया ,ढाक के बस तीन पात।

देकर के आसरा हर बार वो टरकाते रहे ।
तब भी हम ऊसर में बीज नित बहाते रहे।
भैंसो के आगे हम बीन भी बजाते रहे ।
बहरों के आगे हम मेघ राग गाते रहे ।

फिर हमने जाना बाँझ ,जाने क्या प्रसव की बात।
अंत में परिणाम आया………………………।

कुर्सियों कें खटमल,मोह खून का न छोड़ सके।
पीड़ा के व्यूह का एक द्वार भी न तोड़ सके।
अंहकार पद का था ,रास्ते भी भटक गये ,
मोड़ने चले थे धार,नाली तक न मोड़ सके ।

बुझा के मशाल बने चोर, देख काली रात ।
अंत में परिणाम आया…………………….।

अपनी तो पीर हुई, गैर की तमाशा है ।
शासन तिमिर का है ,दीप को निराशा है।
गिद्धों के अनुगामी, तंत्र में विराजमान,
लाशों की टोह करें, इस तरह पिपासा है ।

उल्लुओं ने राय रक्खी ,रोकों भावी प्रभात !
अंत में परिणाम…………………………


© .डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी ,गोरखपुर

*डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

नाम : डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी आत्मज : श्रीमती पूनम देवी तथा श्री सन्तोषी . लाल त्रिपाठी जन्मतिथि : १६ जनवरी १९९१ जन्म स्थान: हेमनापुर मरवट, बहराइच ,उ.प्र. शिक्षा: एम.बी.बी.एस. एम.एस.सर्जरी संप्रति:-वरिष्ठ आवासीय चिकित्सक, जनरल सर्जरी विभाग, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ,फतेहपुर (उ.प्र.) पता. : रूम नं. 33 (द्वितीय तल न्यू मैरिड छात्रावास, हैलट हास्पिटल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर (उ.प्र.) प्रकाशित पुस्तक - तन्हाई (रुबाई संग्रह) उपाधियाँ एवं सम्मान - १- साहित्य भूषण (साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी ,परियावाँ, प्रतापगढ़ ,उ. प्र.द्वारा ,) २- शब्द श्री (शिव संकल्प साहित्य परिषद ,होशंगाबाद ,म.प्र. द्वारा) ३- श्री गुगनराम सिहाग स्मृति साहित्य सम्मान, भिवानी ,हरियाणा द्वारा ४-अगीत युवा स्वर सम्मान २०१४ अ.भा. अगीत परिषद ,लखनऊ द्वारा ५-' पंडित राम नारायण त्रिपाठी पर्यटक स्मृति नवोदित साहित्यकार सम्मान २०१५, अ.भा.नवोदित साहित्यकार परिषद ,लखनऊ ,द्वारा ६-'साहित्य भूषण' सम्मान साहित्य रंगोली पत्रिका लखीमपुर खीरी द्वारा । ७- 'साहित्य गौरव सम्मान' श्रीमती पुष्पा देवी स्मृति सम्मान समिति बरेली द्वारा । ८-'श्री तुलसी सम्मान 2017' सनातन धर्म परिषद एवं तुलसी शोध संस्थान,मानस नगर लखनऊ द्वारा ' ९- 'जय विजय रचनाकार सम्मान 2019'(गीत विधा) जय विजय पत्रिका (आगरा) द्वारा १०-'उत्तर प्रदेश काव्य श्री सम्मान' विश्व हिंदी रचनाकार