कविता

प्यार का तोहफा

मत बोओ बीज
घृणां के
जमाना हो जायेगा
तुमसे खफा
इसलिए सबको दो
प्यार का तोहफा
            *
प्यार प्रकृति का
दिया उपहार है
इसका दो
सभी को तोहफा
तभी साकार है
            *
प्यार से पराये भी
हो जाते है अपने
बिना प्यार के
दूर भागते हैं अपने
          *
न करें किसी से
जिंदगी में धोखा
सबको दें सच्चे
प्यार का तोहफा
          *
इस दुनियां में
चारों तरफ गम
के बादल बादल छाये
सबको प्यार देकर
खुशी के दीप जलाये
          *
इस दुनियां में हर कोई
खुश रहे ऐसी  दुआ कीजिए
इसलिए सबको अपने
प्यार का तोहफा दीजिए
— डाॅ प्रताप मोहन “भारतीय”

डॉ. प्रताप मोहन "भारतीय"

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