भारत वर्ष: राष्ट्रीय एकता दिवस
कल दशहरा मनाया था, आज ईद मनाएँगे;
कल खीर खिलाई थी, आज सिवाईयाँ खिलाएँगे;
कभी गुरुपर्व, कभी क्रिसमस की बधाई देने आएँगे;
सारे त्यौहार मिलजुल कर मने, तभी तो सच्चे हिंदुस्तानी कहलाएंगे!
वेदों की ऋचाओं सा हो हमारा विश्वास,
कुरान की आयतों सी हो हर आस,
गुरबानी हो या प्रेयर, या हो महारास,
किस बात पे तर्क करें? सब कुछ तो है हमारे पास!
हमेशा हम बने रहे एक दूसरे का सहारा,
और सदा बना रहे ये अटूट भाईचारा;
सारे देशों में सबसे अनोखा और प्यारा
ये भारत वर्ष हमारा – ये भारत वर्ष हमारा!
~ रूना लखनवी