हमारा परिवार
सभी सदस्यों में प्रेम व स्नेह अपार;
कुछ ऐसा है हमारा परिवार!
बड़ो का आशीष और छोटों का प्यार;
कुछ ऐसा है हमारा परिवार!
साथ मिलकर मनाएँ, हम सारे त्योहार;
कुछ ऐसा है हमारा परिवार!
रूठना- मनाना तो है रिश्तों का आधार;
कुछ ऐसा है हमारा परिवार!
मुस्कुराते हुए करते, कठिनाईयों को पार;
कुछ ऐसा है हमारा परिवार!
कैसे करें ईश्वर का धन्यवाद व आभार;
कि दिया इतना प्यारा और न्यारा परिवार!
इस कविता का मात्र, ये है सार;
कि सबसे अनमोल है, हम सबका परिवार!
— रूना लखनवी