आनंद-मिली “आनी-मानी” की प्रेम कहानी
पहली करवाचोथ पर जीवनसाथी बोले- मानी तेरे लिए चुपके से साबूदाने की खिचड़ी बना देता हूँ-किसी को पता भी नहीं चलेगा!!
शादी को 10 साल हो चुके हें,पर पहली करवाचोथ के एहसास की ख़ुशबू चेहरे पर आज भी मुस्कुराहट ला देती है! जून 2010 में लव कम अरेंज मैरिज हुई हमारी! चार महीने बाद पहला करवाचोथ का व्रत आया! शादी के एक साल तक हम जयपुर में ही रहते थे! एक दिन पहले मुझे पार्लर से मेहँदी लगवाने जाना था, ”आनी” ने मना कर दिया,में ग़ुस्से में थी! करवाचोथ से पहली रात को “आनी” ने रात 12 बजे करवाचोथ लगने से पहले पानी का गिलास लाकर दिया! अगले दिन प्यासा रहना पड़ेगा सोच कर पानी तो ग़ुस्सा होते हुए भी पी लिया! ”आनी” ने कोण लेकर अपने हाथ से मेहँदी लगाई मेरे हाथ में! ये प्यारा सा रिवाज हर करवाचोथ पर चला आ रहा है! अगले दिन करवाचोथ पर बिना पानी पिए तो जान ही निकली जा रही थी मेरी! एक रात पहले के 12 बजें से करवाचोथ की रात चाँद निकलने के 9 बजे तक पहली बार प्यासी रही! पड़ोस की भाभियाँ मज़े से सरगी ले चूकी थीं,और शाम चार बजें कथा के बाद पानी भी पी चुकी थीं !मेरी हालत ख़राब थी! ”आनी” ने साड़ी गिफ़्ट की! ”आनी” बोले “मानी” तेरे लिए चुपके से साबूदाने की खिचड़ी बना देता हूँ, तू खा ले, किसी को पता भी नहीं चलेगा! ”आनी” और पापा मुझे चाँद निकलने तक चुटकुले सुनाते रहे और छत के चक्कर काटते रहे मेरे लिए चाँद के इंतज़ार में! आख़िर 9 बजे चाँद निकला, ”आनी”ने मेरे लिए सबसे पहले चाय बनाई! उस साल के बाद से हर करवाचोथ पर एक चाय सुबह पी लेती हूँ,और खूब सज-संवर कर करवाचोथ मनातीं हूँ! ईश्वर से बस एक ही दुआ है कि अपनी माँ की तरह सुहागन ही विदा होयू इस दुनिया से! मेरी माँग का सिंदूर हमेशा बना रहे और मेरे “आनी” की खूब लम्बी उम्र हो!
— डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट