बाल कविता

दिवाली का पावन पर्व

प्यारे बच्चो! तुम्हें बताऊं, दिवाली की कथा सुनाऊं।
दिया जलाकर घर सजाऊं; खुशियों का यह पर्व मनाऊं।।
बहुत पहिले अवधपुरी में, दशरथ के घर जन्मे राम।
पाप-ताप सब दूर किये; सफल हुए तब सबके काम।।
झूठा-पापी था इक रावण, उसके साथ लड़े प्रभु राम।
मार रावण को रामचन्द्र ने; बढ़ाया अच्छाई का है मान।।
इसी जीत को विजयादशमी, कह कर करते सारे काम।
हराकर बुराई को अच्छाई से; अयोध्या लौटे जब सीताराम।।
दीपमाला से सजी अयोध्या, स्वागत करता पावन धाम।
तभी से दिवाली शुभ उत्सव; घर-घर मनाते करते काम।।
दीप जलाना कर ज्ञान बढ़ाना, हंसी-खुशी के सारथी राम।
पटाखे जलाकर शौर मचाना; करना कभी ना ऐसा काम।।
धुंआ पटाखों का जब उड़ता, प्रदूषित होते सारे काम।
जगमग-जगमग दिया जलाना; सबसे अच्छा है यह काम।।
गरीब जनों की सहायता करना, देते शिक्षा यही प्रभु राम।
होगा उत्सव दिवाली का यह; मिलकर करें हम अपना काम।।
— शम्भु प्रसाद भट्ट ‘स्नेहिल’

शम्भु प्रसाद भट्ट 'स्नेहिल’

माता/पिता का नामः- स्व. श्रीमति सुभागा देवी/स्व. श्री केशवानन्द भट्ट जन्मतिथि/स्थानः-21 प्र0 आषाढ़, विक्रमीसंवत् 2018, ग्राम/पोस्ट-भट्टवाड़ी, (अगस्त्यमुनी), रूद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड शिक्षाः-कला एवं विधि स्नातक, प्रशिक्षु कर्मकाण्ड ज्योतिषी रचनाऐंः-क. प्रकाशितःः- 01-भावना सिन्धु, 02-श्रीकार्तिकेय दर्शन 03-सोनाली बनाम सोने का गहना, ख. प्रकाशनार्थः- 01-स्वर्ण-सौन्दर्य, 02-गढ़वाल के पावन तीर्थ-पंचकेदार, आदि-आदि। ग. .विभिन्न क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र/पत्रिकाओं, पुस्तकों में लेख/रचनाऐं सतत प्रकाशित। सम्मानः-सरकारी/गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के तीन दर्जन भर से भी अधिक सम्मानोपाधियों/अलंकरणों से अलंकृत। सम्प्रतिः-राजकीय सेवा/विभिन्न विभागीय संवर्गीय संघों तथा सामाजिक संगठनों व समितियों में अहम् भूमिका पत्र व्यवहार का पताः-स्नेहिल साहित्य सदन, निकटः आंचल दुग्ध डैरी-उफल्डा, श्रीनगर, (जिला- पौड़ी), उत्तराखण्ड, डाक पिन कोड- 246401 मो.नं. 09760370593 ईमेल [email protected]