कविता

तीर्थ

सौंधी हवा का झोंका
मेरे आँचल में
फिसल कर आ गिरा।
वक्त का एक मोहरा हो गया।
और फिर
फ़िज़ाओं को चादर पर बैठा
हवाओं को चूमता
आसमानों की सरहदों में कहीं
जा के थम गया।
एहसास को एक नई खोज मिल गयी।
एक नया वजूद
मेरी देह से गुज़र गया।

आसक्ति से अनासक्ति तक की दौड़,
भोग से अभोग तक की चाह,
जीवन से मृत्यु तक की
प्रवाह रेखा के बीच की
दूरियों को तय करती हुई मैं
इस खोने और पाने की होड़ को
अपने में विसर्जित करती गई।
न जाने वह चलते हुए
कौन से कदम थे
जो ज़मीन की उजड़ी कोख में
हवा के झोंके को पनाह देते रहे।
इन्हीं हवाओं के घुँघरेओं को
अपने कदमों में पहन कर
मैं जीवन रेखा की सतह पर
चलती रही—चलती रही—
कभी बुझती रही
कभी जलती रही।

— मीना चोपड़ा

मीना चोपड़ा

मीना चोपड़ा एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेखन और कलाकारिता के लिए सम्मानित एवं पुरस्कृत,लेखक,कवि और दृश्य कलाकार हैं,जिनके पास शब्द,रंग और रूप से समृद्ध एक अपरिहार्य और असीम काल्पनिक संसार है,जो उनके लेखन एवं चित्रकला में जीवंत होकर उभरता है । उत्तर भारत के नैनताल शहर में जन्मी और पली-बढ़ी मीना,अब कनाडा के मिसिसॉगा शहर में निवासित हैं। मीना 1985 से चित्रकला में कार्यरत हैं और 1992 से कविता लेखन में । उनके तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं| इसके अतिरिक्त उन्होंने कनाडा में बसे हिंदी और उर्दू लेखकों के एक पद्य संग्रह का सह-सम्पादन भी किया है। वह अपनी मूल भाषा हिंदी और अंग्रेजी दोनों में कविता और लेख लिखती है। उनकी कविताएं साहित्यिक पत्र -पत्रिकाओं में छपती रही हैं जिसमे सरिता,गगनांचल,हिंदी टाइम्स ,हिंदी चेतना,अनुभूति,शब्दांकन इत्यादि और भी कई नाम शामिल हैं। उनकी कवताएँ जर्मन और उर्दू में भी अनुदित है| उन्होंने अपनी कला का कई देशों में प्रदर्शन भी किया है|उनके चित्र कनाडा,भारत,इंग्लैंड,स्विट्जरलैंड,दुबई और कुवैत में कई कला संग्राहकों के संग्रह में है। वह अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं। हाल ही में उन्हें 'नेशनल एथेनिक प्रेस एंड मीडिया काउंसिल ऑफ कनाडा' द्वारा साहित्य (हिंदी व अंग्रेजी दोनों)और कला में विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। उन्हें 2017 में कनाडा के 150 वर्षों के जश्न में 'विजुअल आर्ट्स मिसिसॉगा' से उनकी पेंटिंग के लिए प्रथम पुरस्कार मिला। वह कनाडा के मार्टी अवार्ड्स 2019 के लिए फाइनलिस्ट रही हैं। इसके अतिरिक्त हिंदी लेखन के लिए इन्हे हिंदी की अनेक प्रमुख संस्थाओं द्वारा इन्हे सम्मानित किया जा चूका हैं जिसमें 'विश्व हिंदी संस्थान' अखिल विश्व हिंदी समिति, ग्लोबल हिंदी शोध संस्थान, गुरुग्राम विश्व विद्यालय इत्यादि कई नाम शामिल हैं| विश्व हिंदी पत्रकार एवं साहित्य समिति द्वारा इन्हें " महादेवी वर्मा विश्व हिंदी सम्मान" से सम्मानित किया गया है। । चित्रकला में भी इन्हे कई पुरस्कार मिल चुके है| ये कनाडा में स्थित कई कला, सांस्कृतिक एवं हिंदी भाषा के प्रचार की संस्थओं के निदेशक मंडलों पर महत्वपूर्ण पद संभालती रही हैं| वह कनाडा में स्टारबज नमक साप्ताहिक पत्रिका की प्रकाशक और शहनाई नामक रेडियो प्रोग्राम की रेडियो होस्ट भी रह चुकी हैं,साथ ही'लरना'नामक एजुकेशन सेंटर की निदेशक और संचालक भी रही हैं|आजकल वह कविता लेखन और चित्रकला की कार्यशालाएं देने में व्यस्त हैं,साथ ही वह नियमित रूप से 'स्पेशल नीड'वद्यार्थियों को कला शिक्षा देने में भी कार्यरत हैं|वह अपना अगला हिंदी कविता संकलन तैयार करने में भी कार्यरत हैं जो इस साल के मद्य तक तैयार होगा| उनका मानना है कि 'कला का साझा मंच' विभिन्न समुदायों और उनकी विभिन्नताओं को क़रीब लाकर समझने का सबसे अच्छा तरीका है और वह ऐसे कई बेहतरीन और सफल आयोजन कर चुकी हैं। वेबसाइट : www.meenachopra-artist.com कविताएँ: http://prajwalitkaun.blogspot.ca अंग्रेजी की कविताएँ : http://ignitedlines.blogspot.ca/ Twitter: @meenachopra Twitter: @meenachopra Facebook: @meena.chopra.art , Instagram: @meena_artist_author YouTube: https://www.youtube.com/channel/UClA4ltPyW69d9xw_41UeWrg?view_as=subscriber