दीप और पतंगा
पतंगा करता है
दीपक से प्यार
इसलिए अपनी
जिंदगी उस पर
करता है न्योछावार
पतंगे की किस्मत
में होता है जल जाना
प्यार पाने से पहिले
ही मिट जाना
पतंगा रोशनी से
आर्कषित होता है
और इसी में अपना
जीवन खोता है
दीपक से पतंगा
अंधा प्यार करता है
बिना सोचे समझे ही
उस पर मरता है
अगर पतंगा दीपक
से इश्क करेगा
परिणामस्वरूप
जरुर मरेगा
दीप और पतंगे
सा प्रेम कहाँ मिलता है
प्रेम से पतंगा ही नहीं
दिये का लौ भी जलता है
— डाॅ प्रताप मोहन “भारतीय”