कविता

वृक्ष

वृक्ष ही तो है सहारा
इन प्यारी सी चिड़ियों का
कर रहा मानव सफाया
इन वृक्ष प्रजातियों का।
आती नहीं दया मानव को
निरीह वृक्षों को काट कर
रहेंगी कहां बेचारी चिड़िया
कहां चहचहायेंगी ये बैठ कर।
आकर पक्षी दूर-दूर से
लेती इन वृक्षों का आश्रय
बसायेंगी कहां ये संसार अपना
लेंगी कहां आश्रय में निराश्रय।
दया आती नहीं वृक्ष काटने वालों को
करके इन वन वृक्षों का सफाया
आती है याद तब इन वृक्षों की
होने लगता भूमि का जब स्वयं सफाया।
हो मनुष्य या पक्षी चाहे कोई जीव
होता है सहारा सभी का यह वृक्ष
अस्तित्व सभी का तभी सुरक्षित
रहेंगे संरक्षित जब ये वन वृक्ष।
वृक्ष जीवन की आस है
शुद्ध हवा इनके ही पास है
करें सभी जन इनकी सुरक्षा
होता इसी से जग का विकास है।।
— शम्भु प्रसाद भट्ट ‘स्नेहिल’

शम्भु प्रसाद भट्ट 'स्नेहिल’

माता/पिता का नामः- स्व. श्रीमति सुभागा देवी/स्व. श्री केशवानन्द भट्ट जन्मतिथि/स्थानः-21 प्र0 आषाढ़, विक्रमीसंवत् 2018, ग्राम/पोस्ट-भट्टवाड़ी, (अगस्त्यमुनी), रूद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड शिक्षाः-कला एवं विधि स्नातक, प्रशिक्षु कर्मकाण्ड ज्योतिषी रचनाऐंः-क. प्रकाशितःः- 01-भावना सिन्धु, 02-श्रीकार्तिकेय दर्शन 03-सोनाली बनाम सोने का गहना, ख. प्रकाशनार्थः- 01-स्वर्ण-सौन्दर्य, 02-गढ़वाल के पावन तीर्थ-पंचकेदार, आदि-आदि। ग. .विभिन्न क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्र/पत्रिकाओं, पुस्तकों में लेख/रचनाऐं सतत प्रकाशित। सम्मानः-सरकारी/गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के तीन दर्जन भर से भी अधिक सम्मानोपाधियों/अलंकरणों से अलंकृत। सम्प्रतिः-राजकीय सेवा/विभिन्न विभागीय संवर्गीय संघों तथा सामाजिक संगठनों व समितियों में अहम् भूमिका पत्र व्यवहार का पताः-स्नेहिल साहित्य सदन, निकटः आंचल दुग्ध डैरी-उफल्डा, श्रीनगर, (जिला- पौड़ी), उत्तराखण्ड, डाक पिन कोड- 246401 मो.नं. 09760370593 ईमेल [email protected]