कविता – प्रभु ध्यान
कर्म भाग्य इंसान का सब प्रभु के हाथ
कर समर्पित आपनो हो प्रभु के साथ
सुंदर जीवन संसार में सुंदर सारे रीत
मन समर्पित करो सदा मिले फिर मनमीत
सुंदर जग श्याम का सुंदर है उपहार
कर्म आपन करो सदा यही पूर्ण है सार
मानव जीवन है मिला अनुपम ये उपहार
ना भूलो तूम ये सदा, करो सदा उपकार
नित दिन तुम ध्यान करो मन लागे प्रभु संग
जागे मन विश्वास मन भर जाए उमंग
प्रभु नाम से अमृत घुले मन बसे हैं श्याम
नाम जिसने है जपा पाए पूर्ण ब्रह्म ज्ञान
— निक्की शर्मा रश्मि
मुम्बई