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ग्रामीण पर्यटन में भारत को सशक्त बनाने की अपार संभावनाएं

आज भी भारत वास्तव में गांवों के देश के रूप में ही जाना-पहचाना जाता है।आज भी भारत की आत्मा गांवों में बसती है।प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल बासित ग्रामों की संख्या 593731 है। देश की कुल जनसंख्या का 68.82 फीसदी आबादी इन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। जो कि कृषि और उससे जुड़े हुए अन्य व्यवसाय पर निर्भर है।ग्रामीण भारत लगभग 60% रोजगार प्रदान करने वाला देश का सबसे बड़ा भाग है।वास्तविक भारत की असल तस्वीर अगर देखनी है तो हमें देश के सुदूरवर्ती गांव के भीतर तक झांकना होगा।
ग्रामीण पर्यटन देश के लिए कई अर्थों में महत्वपूर्ण है इससे न केवल अधिक रोजगार सृजित होंगे बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों का विकास भी त्वरित गति से होगा जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का जीवन स्तर सुधारेगा।पर्यटन विदेशी मुद्रा अर्जन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।भारत में पर्यटकों की संख्या और उससे होने वाली विदेशी मुद्रा आय में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। ग्रामीण पर्यटन इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।जिससे विश्व पर्यटन बाजार में भारत को एक अलग पहचान मिल सकती है‌।इससे ग्रामीण क्षेत्रों का और अधिक विकास होगा,रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तथा शहरों की ओर होने वाला पलायन भी रुकेगा।जिससे शहरों में बढ़ रहे भीड़ भाड़ में कमी आएगी। ग्रामीण क्षेत्र के जीवन स्तर में सुधार लाकर उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल कर गांधी जी के सपनों के भारत का निर्माण किया जा सकता है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों के हस्तशिल्प, दस्तकारी,स्थानीय ग्रामीण संस्कृति,लोक विधा,प्राकृतिक खूबसूरती,अनूठे खानपान,रहन सहन को ब्रांड बनाकर दुनिया के सामने प्रस्तुत करना होगा। ग्रामीण पर्यटन से स्थानीय कार्यक्रम कलाकारों के कला हुनर का देश विदेश तक पहुंच बढ़ेगा उससे इन ग्रामीण कलाओं तथा उत्पादों के संरक्षण को बढ़ावा भी मिलेगा।
ग्रामीण पर्यटन को नया आयाम देने के लिए सरकारी एवं स्थानीय दोनों स्तर पर बढ़ावा देने की आवश्यकता है।इसके लिए सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है पर्यटन मंत्रालय हुनर से रोजगार प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 6 से 8 सप्ताह तक का कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम पिछले वर्षों चलाया गया जिसमें 28 वर्ष तक के युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। इसके अंतर्गत खाद्यान्न उत्पादन एवं खाद्य व विभिन्न सेवाओं से जुड़े कौशल के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रायोजित संस्थानों इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट राज्य सरकारों द्वारा चयनित इंस्टिट्यूट और कुछ पांच सितारा होटलों तथा आईटीडीसी द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। भारत में सन 2016 तक 35 पर्यटन सर्किट स्थापित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इन स्थलों के विकास के लिए सरकारी निजी भागीदारी के आधार पर विकसित किए जाने का लक्ष्य था।
अतिथि देवो भव: भारत की समृद्ध परंपरा रही है,इस परंपरा को सामाजिक जागरूकता अभियान के तहत बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है‌।इसके लिए एक विशेष रणनीति बनाकर कई गांव को मिलाकर एक समूह के रूप में वहां के विशेषताओं के अनुरूप विकसित किए जाने की आवश्यकता है।जिसमें उस ग्रामीण समूह के लोगों में पर्यटन के बारे में जागरूकता बढ़ाना दस्तकारी बाजार एवं हाट के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था करना स्थानीय बुनियादी ढांचे एवं स्वच्छता के विकास में सहायता तथा आवासीय सुविधा के विकास पर विशेष ध्यान देना होगा।ग्रामीण समूह के भीतर घरों में रहने की सुविधा उपलब्ध कराना एवं आगत अतिथियों के सुरक्षा का खास ध्यान रखना भी इस रणनीति में शामिल किया जाना चाहिए।तभी जाकर ग्रामीण पर्यटन को ऊंचाई दिया जा सकता है।
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पशुपालन मत्स्य पालन प्राकृतिक चिकित्सा एक विशेष खूबी है जिसे पर्यटन के नजरिए से विकसित किए जाने की आवश्यकता है। हर प्रदेश की अलग अलग विशिष्टता तथा जरूरतों को ध्यान में रखकर देश में पर्यटन की योजना बनाई जानी चाहिए।भारत के ग्रामीण क्षेत्र में विरासत,कला एवं संस्कृति, धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन,साहसिक एवं प्राकृतिक पर्यटन तथा परंपरागत पर्यटन आदि के भरपूर अवसर मौजूद है जिसे विवेक पूर्ण दोहन किए जाने की जरूरत है।अगर उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर ग्रामीण पर्यटन को विकसित किया जाता है तो ग्रामीण भारत का विकास त्वरित गति से होगा साथ ही उसमें रोजगार के व्यापक अवसर भी आसानी से सृजित होंगे।इससे रोजगार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाला तेजी से पलायन रोका जा सकेगा।
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसे समुचित रणनीति बनाए जाने की आवश्यकता है जिससे वहां उपलब्ध स्थानीय संसाधनों का समुचित तरीके से उपयोग किया जा सके ग्रामीण पर्यटन का वर्गीकरण क्षेत्र के खूबियों यथा धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थलों समृद्ध विरासत स्थलों कला संस्कृति से जुड़े स्थलों ग्रामीण एवं कृषि परंपराओं वैकल्पिक औषधि एवं आध्यात्मिक विशेषताओं प्राकृतिक चिकित्सा देसी भोजन रहन सहन एवं पोशाक आदि को आगे रखकर ग्रामीण पर्यटन को एक नया आयाम दिया जा सकता है। इसके लिए पर्यटन मानचित्र बनाकर पर्यटक पैकेज आगंतुक पर्यटकों को उनके रूचि के अनुसार दिया जाए जिससे वे अधिक से अधिक ग्रामीण पर्यटन की ओर आकर्षित हों।इसके लिए आधारभूत संसाधनों के विकास के साथ-साथ योजना एवं नेटवर्क की विकास की जरूरत है जिससे घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों को अपने पसंद के स्थलों तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस नहीं हो तथा उन्हें अपने जानमाल की सुरक्षा की चिंता करने की कोई जरूरत न हो।
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने कोई न कोई विशेष आयोजन होते रहता है जिस के अवसर पर हाट मेला बाजार लगता है जहां पर स्थानीय कला हुनर दस्तकारी लोकगीत संगीत खेल मदारी आदि का प्रदर्शन खरीद बिक्री किया जाता है।इन अवसरों की मुख्य विशेषता विशेष अवसरों पर बनने वाले स्थानीय खानपान विशेष पकवान है।अगर कोई भी व्यक्ति स्थानीय हाट मेला बाजार में आता है तो वहां उपलब्ध ग्रामीण भोजन और पकवान एक बार चख लेने के बाद उसका मुरीद हो जाता है।वह चाहता है कि वहां बार-बार आए और वहां कुछ दिन रह कर ग्रामीण क्षेत्र की खूबसूरती को जी भर कर निहार सके।वहां के विशेषताओं का लुफ्त उठा सके।ग्रामीण प्रकृति और संस्कृति के साथ जुड़ सके।पर इन सबके बीच ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी एवं असुरक्षा की भावना रोड़ा बनकर आ जाती है जिसका निराकरण किया जाना अति आवश्यक है।आज भी ग्रामीण पर्यटक स्थलों पर आने वाले पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों में रात बिताने से डरते हैं और वे शाम ढलने की पूर्व किसी शहरी क्षेत्र में पहुंच जाना चाहते हैं।इस धारणा को बदलने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित रात बिताने के लिए आधारभूत संरचना विकसित किए जाने के साथ-साथ पर्यटकों में विश्वास उत्पन्न करने की आवश्यकता है।अगर इतना कुछ किया जाए तो पर्यटन के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास,ग्रामीण लोक कला संस्कृति बोली भाषा रहन सहन पहनावा आदि को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नया पहचान मिलेगा।जिससे भारत के अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
— गोपेंद्र कु सिन्हा ‘गौतम’

गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम

शिक्षक और सामाजिक चिंतक देवदत्तपुर पोस्ट एकौनी दाऊदनगर औरंगाबाद बिहार पिन 824113 मो 9507341433