कलम से कागज पर लिखी जाने वाले लेखन विधा कम्प्यूटर युग में खो सी जाने लगी |सुन्दर अक्षरों की लिखावट के पहले अंक मिलते थे।साथ ही सुन्दर लेखन की तारीफे होती थी जो जीवन पर्यन्त तक साथ रहती थी ,स्कूलों ,विभिन्न संस्थाओं द्धारा सुन्दर लेखन प्रतियोगिता भी होती थी|अब ये विधा शायद विलुप्ति की कगार पर जा पहुंची |लेखन विधा को विलुप्त होने से बचाने हेतु लेखन विधा के प्रति अनुराग को हमें जारी रखना होगा।ये लेखन एक सागर के सामान है जितना लिखना जारी रखेंगे उतने ही बेहतर विचार ,सुन्दर अक्षर और निखरेंगे।कलम के माध्यम से लेखन से नए विचारों का उदय होता |वही लेखन कला को बढ़ावा मिलता है | यदि कच्चा कार्य यानि कलम द्धारा पहले ड्राफ्ट तैयार कर टाइपिंग के लिए दिया जाता है|टाइपिंग करने वाले को सुन्दर अक्षरों के कारण अक्षर पढ़ने और टाइप करने में आसानी होकर त्रुटि रहित कार्य होता है | कहने का सार ये है कि स्पष्ट ,सुन्दर, सही व्याकरण लिखे जाने की आदत होना चाहिए |
— संजय वर्मा ‘दॄष्टि ‘