कविता

अनमोल है माँ

जग में सुंदर अनमोल है मां, दूजा नहीं और

मां से बड़ा संसार में किसी का भी ना ठौर

राह सदा दिखलाती है सच्ची सीधी ओर

प्रथम शिक्षा देती मात, तू ही है चहूँ ओर

सत्कर्मों से पाप मिटे भले बनो इंसान

माँ ही पहले देती है, यह अनमोल ज्ञान

पर उपकार कर सदा पा लो पूर्ण आकाश

माँ जो बोले करो फिर चमको दिव्य प्रकाश

निक्की शर्मा रश्मि

निक्की शर्मा रश्मि

मुम्बई उपसंपादक राइजिंग इंडिया टुडे मुख्य संयोजक देशांतर टुडे Paradigm Twinstar,B204, mahavir nagar, ideal park.,near Orange hospital, mira road_ E _Thane 401107 8104071235 [email protected]