हे महावीर तुम्हें शत् शत् प्रणाम
हे राम दूत तुम सबके रक्षक हो,
तुम कर्मवीर हनुमान जी ,
तुम ही तो बल के धाम हो,
सब तुमको वंदन करते है,
हे महावीर तुम्हें शत् शत् प्रणाम।
तुम ही प्रेम के सच्चे स्वरूप हो,
शिव जी के अवतार हो,
तुम्ही दया के सागर हो,
तुम्हीं कष्ट हरण नाशक हो,
हे महावीर तुम्हें शत् शत् प्रणाम।
मां जानकी के अति प्रिय हो,
जो भी तुम्हारा नाम जपे,
उसकी हर विपदा टली,
सुख समृद्धि के दाता हो,
हे महवीर तुम्हें शत् शत् प्रणाम।
प्रभु श्रीराम के तुम अति प्रिय हो,
मां जानकी के तुम लाडले हो,
केसरी नंदन सुमति का दान दो,
विद्या बुद्धि का दान दो,
हे महावीर तुम्हें शत् शत् प्रणाम।
— कालिका प्रसाद सेमवाल