२०२० ने धैर्य की परिभाषा सिखाई
वर्ष २०२०, तुम उन सबके लिए बहुत दयालु व उदार रहे, जो अगला वर्ष देखने वाले हैं। तुमने हमें धैर्य और दृढ़ता की परिभाषा सिखाई। परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने से लेकर घर का बना भोजन, बोर्ड गेम, सिरीज़ व फिल्में, अतिरिक्त नींद का समय, घर का सारा काम और विश्राम किया। इस साल हमने जो भी बीमारी मुक्त सांस ली है, उसके लिए आभारी होना चाहिए। इतनी बड़ी महामारी से लड़ रही है ये मानव जाति। आभारी होना चाहिए उन पशु और पेड़ पौधों को जो हमारे द्वारा उनके साथ किए गए अत्याचारों के बावजूद अभी भी हमारा समर्थन कर रहे हैं।
कृतज्ञता से भरा है मन कि एक साथ हम २०२१ में प्रवेश कर रहे हैं और मानव जाति अभी भी संपन्न है। किसी भी अन्य वर्ष की तरह, यह वर्ष उतार-चढ़ाव से भरा था लेकिन अंत में, हम जीवित रहे और यही मायने रखता है। जो निश्चित रूप से हमारी प्रार्थनाओं की ताकत दिखाता है।
बहुत सी बीमारियों के कारण लोग हर साल मर जाते हैं। मृत्यु जीवन का एक हिस्सा है और जीवन सबसे महान उपहार है। इसलिए, यदि आप अभी सांस ले रहे हैं, तो शिकायत करने के लिए कुछ भी नहीं होना चाहिए। कारोबार खुलता और बंद होता रहेगा। अर्थव्यवस्था उठती और कम होती रहेगी।
इसलिए २०२० को कोसना बंद करें और अपनी मानसिकता बदलना शुरू करें। २०२१ में प्रवेश करते ही कोई चमत्कार नहीं होने वाला है। तारीख में बदलाव या साल बदलने से कोरोना नहीं जाएगा। संभवत: टीका लगने के बावजूद भी शायद कोई और नई महामारी आ जाए। सर्दी, खाँसी, एड्स और कैंसर का टीका भी नहीं बना है आज तक। इसलिए, २०२० को कोसे नहीं, क्या पता कि नया साल कुछ नया लेकर आए? इसलिए, शिकायत करना बंद करें और जीना शुरू करें।
सुरक्षित रहें और सभी को सुरक्षित रखें।
— रूना लखनवी