चुंबन में अन्तर्निहित
चुंबन में अन्तर्निहित…
मेरे अधरों पर अंकित
तुम्हारे चुंबन में
अन्तर्निहित होती है मेरे लिए
तुम्हारी आसक्ति
और मुझमें समा जाने की
तुम्हारी बेकरारी,
जो प्रिय है मेरे शरीर को।
मेरे ललाट पर अंकित
तुम्हारे चुंबन में
मगर अंतर्निहित होता है मेरे प्रति
तुम्हारा प्रेम, गर्व और विश्वास,
जो बहुत प्रिय है मेरे मन,
मेरी आत्मा को।
जितेन्द्र ‘कबीर’