गजल
चलो आज सुर को मिलाते चलो ना,
खुशी का वही गीत गाते चलो ना।
वतन के लिए आज दिन खास है ये,
चलो साथ खुशियाँ मनाते चलो ना।
अमर वीर सैनिक हमारे वतन के,
है वीरों की गाथा सुनाते चलो ना।
हो मुश़्किल कोई भी मगर राह चलना,
यूँ विश्वास मन में जगाते चलो ना।
जहाँ से है न्यारा ‘किरण’ ये तिरंगा,
कि जय घोष का स्वर लगाते चलो ना।
— प्रमिला मेहरा किरण