कविता पिरामिड *महातम मिश्र 15/01/2021 “पिरामिड” जी स्वाद मन का लो खजूर पौष्टिक धारी प्रतिरोधकता रस में मादकता।। जी चखो हजूर खजूर है गर्म तासीर लाल गुच्छ धारी औषधि गुणकारी।। महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी