धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

गायों को आश्रयहीन अथवा बेसहारा बोला जाए

आवारा गायों को अब कहा जाएगा आश्रयहीन ख़बर पढ़ी।जयपुर नगर निगम सेंटर प्रशासन ने प्रशंसनीय निर्णय लिया है।इस तरह आश्रयहीन अथवा बेसहारा बोले जाने का निर्णय हर जगह इस्तेमाल होना चाहिए। देखा जाए तो मप्र मेंगोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश में बनेगी गो केबिनेट की खबर सुर्खियों में आई थी।गो संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक अच्छी पहल है।ये बात भी सामने आई कि विदेशों  में गाय को गले लगाने का चलन जोरों पर चल रहा है।इसके द्वारा वे स्वयं को तनाव ,अवसाद मुक्त होकर स्वस्थ्य महसूस कर रहे है।इस प्रयोग के लिए वे  हजारों रुपये खर्च कर रहे है।हमारे यहाँ प्राचीन काल से ही स्पर्श,और गले लगाया जाता रहा। साथ ही गो माता के महत्व को जाना जाता रहा। गाय का दूध रसायन का कार्य करता है। वैज्ञानिकों शोध की एवं धार्मिक ग्रंथों में ऐसी जानकारियां दर्शित है | गौमाता  का खयाल रखना और उसकी सेवा करना आवश्यक है | साथ ही उन्हें आवारा शब्द बोलने से परहेज करना होगा।

— संजय वर्मा ‘दॄष्टि’ 

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच