कविता

गणतन्त्र दिवस

शुभ गणतन्त्र दिवस है अपना,
चहुँ ओर प्रसन्नता छायी है।
अखिल विश्व में भारत माँ की,
जय सदा ही होती आयी है।।
वसुधैव कुटुम्बकम जिसने,
सारे जग को पढाया है।
अहिंसा ही परम धर्म है,
सिद्ध करके दिखाया है।।
श्री राम भी आ इस धरा-
गुणगान है अनथक किये।
श्रीकृष्ण-राधा ने यहाँ,
शुचि रासमय लीला किये।।
गाँधी, सुभाष,शेखर सबने,
स्वतंत्रता का अलख जगाया हैं।
अनगिन बलिदानियों ने,
निज देश का मान बढाया है।।
सगर्व तिरंगा फहरे नभ में,
करें व्योम सम्मान।
पुष्प बरसा कर हर्षित होते
करें राष्ट्र-अभिमान।।
विश्वगुरु के पथ पर अग्रसर,
पुनः किया संधान।
स्नेह,शान्ति,सौहार्द्र,दया के
सद्गुण लिए महान।
— राजीव नंदन मिश्र “नन्हें”

राजीव नंदन मिश्र (नन्हें)

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