कविता

कविता

हो जो सच में काबिलेतारीफ़
उसकी तारीफ़ हर हाल में हो ।
उस पर भी इक फूल  खिले–
ख़्वाहिश ये डाल-डाल में हो ।
नीयत में कालिख लेप नहीं हो
चंदन का तिलक यदि भाल में हो ।
ईमानदारी न सिर्फ़  एक  में —
हर एक युवा,वृद्ध-बाल में  हो ।
बकरी सचेत रहा करे चंचल
भेड़िया न भेड़ की खाल में हो ।
— कमल चंचल 

कमल चंचल

निवास/डाक:--भाटापारा जिला-- ब.बाजार+भाटापारा(छ. ग.) संपर्क:--79990-93535