गीत
राम नाम का यज्ञ चल रहा , आओ समिधा दान करें।
मर्यादा सिखलाई जग को ,पिता वचन का मान किया।
असुर ,दुष्ट शक्तियाँ नष्ट कीं, ऋषियों का सम्मान किया।
प्रेम रस पगे बेर खिलाकर ,शबरी सा सम्मान करें ।
राम नाम का यज्ञ चल रहा ,आओ समिधा दान करें ।
अवध धाम सी पावन नगरी ,सरयू पुण्य किनारा है।
जहाँ राम प्रभु हुए अवतरित,पुर सुरधाम से न्यारा है।
शीश नवायें जन्मभूमि को, सरयू जल स्नान करें !
राम नाम का यज्ञ चल रहा आओ समिधा दान करें।
राम प्रभू आदर्श हमारे ,हम उनका अनुसरण करें।
कुछ पुरूषार्थ करें ऐसा ,जगती के तम का हरण करें।
बने विश्वगुरु फिर से भारत,कुछ ऐसा संधान करें ।
राम नाम का यज्ञ चल रहा आओ समिधा दान करें।
————- © डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर
मो.नं.-08840681440