अपनों के
विदा होते ही आँखों की
कोर में आँसू आ ठहरते
जल्द आना
कहते ही ढुलक जाते आँसू
इसी को तो रिश्ता कहते
जो आँखों और आंसुओ के
बीच मन का होता।
आँखों में आंसू
विदा होने के पल
चेहरे छुपने की कोशिश करते
बादल में चाँद की तरह
दूरियों का बिछोह
संग रखता आँसू
शायद यही तो है
अपनत्व का है जादू
जो एक पल में आँसू
छलकाने की
क्षमता रखता
जब अपने कहते
जल्द आना।