कविता – फणिश्वर नाथ रेणु जी
पुरनिया अररिया जिला के औराही,
हिंगना ग्राम की धरा हुई पावन।
जहाँ जन्में फणीश्वरनाथ “रेणु” जैसे,
लेखक, कथाकार, छवि मनभावन।
आजीवन शोषण और दमन के,
विरूद्ध ये संघर्ष करते रहे।
सोशलिस्ट पार्टी से जुड़कर,
अनवरत लड़ाई लड़ते रहे।
इनकी लेखनशैली मुंशी प्रेमचंद,
से इतनी मिलती जुलती थी।
इसलिए आज़ादी के बाद इनको,
मुंशी प्रेमचंद की संज्ञा दी जाती थी।
मैला आँचल उपन्यास को लिखकर,
इन्होंने अपना लेखन सिद्ध किया।
इसी उपन्यास ने फणीश्वरनाथ ‘रेणु’,
जी को रातों – रात प्रसिद्ध किया।
मारे गये गुलफाम पे आधारित,
‘तीसरी कसम’ चलचित्र आई थी।
राजकपूर और वहीदा रहमान जी ने,
इसमें मुख्य भूमिका निभाई थी।
‘तीसरी कसम’ चलचित्र जगत में,
मिल का पत्थर मानी जाती है।
सुप्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र द्वारा निर्मित,
आज भी हर एक की ज़ुबां दुहराती है।
— अंजु दास गीतांजलि