अनुराधा-वन
मेरी प्रिय सहेली
अपने नाम की तरह अनुराधा एक सितारे की तरह चमकती हुई,मुस्कुराती हुई,अपने दर्द मुस्कुराहट में छिपाती हुई,आँखो में चमक लिए अल्हड़,प्यारी मेरी क़रीब 22 साल पुरानी दोस्त है!मेरे घर में उसे या तो अनुराधा-वन कहा जाता है या पुरानी अनुराधा!घंटो हम फ़ोन पर बातें कर लें पर हमारी बातें कभी ख़त्म नहीं होती!नाम उसका अनुराधा के आगे वन मेरी माँ ने रखा था जिसका कारण है मेरी अनुराधा नाम की दो सहेलियाँ हें!11 साल से देखती आ रही हूँ में,अनुराधा राजपूत जोईंट फ़ैमिली में रहती है,मुस्कुराते हुए सबके लिए सर ढके सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक अपने ससुराल के लिए एक पैर पर खड़ी रहती है!कुछ चुभता भी होगा तो भी आँखों में आँसू छिपाय मुस्कुराती है!अब भी किसी भी परिस्थिति में हारना मत,हमेशा से जैसे हिम्मत रखी है,वैसे ही रखना!6 नोवेम्बर 2003 की रात की बात है!हम स्कूल के बाद कॉलेज में हॉस्टल में भी एक साथ थे!हमारा ग्रैजूएशन फ़र्स्ट ईयर में उदयपुर में अड्मिशन हुए 4 महीने ही हुए थे तब मेरे पापा का मेरी वॉर्डन मैडम के घर फ़ोन आया की मेरी मम्मी को ब्रेनहैमरेज का अटक आया है और डॉक्टर जवाब दे चुके हें!मुझे बस इतना बताया मैडम ने की मिली तुम्हें कल सुबह की बस से कोटा हॉस्पिटल जाना है,बोहोत डर गई थी मैं,रोए जा रही थी,अगले दिन मुझे अनुराधा ने अकेले नहीं आने दिया!उदयपुर से कोटा हॉस्पिटल के आइ० साई० यू० रूम तक मुझे मम्मी के पास छोड़ने आइ!14 नोवेम्बर को मम्मी तो चली गई ईश्वर के घर पर अनुराधा का वो इतने बुरे वक़्त में साथ देना में कभी नहीं भूल पयूँगी!ये ही नहीं जनवरी 2017 में जयपुर में मेरी आँखों में केरेटोक़ोनस का ऑपरेशन हुआ तब भी ससुराल से आ कर पूरे दिन मेरे साथ रही और मेरी तीन साल की छोटी सी बेटी को सम्भालती रही!मेरी बेटी लिली की तो सबसे प्रिय मासी है वो!अनुराधा एक मिसाल है की दोस्त वो नहीं जो आपकी ख़ुशियों में आपके साथ हों,दोस्त वो होते हें जो दर्द में आपको अकेले नहीं छोड़ते!आपके न्यूज़पेपर के माध्यम से तुझे विश करती हूँ तुझे आने वाली ज़िंदगी की ढेर सारी शुभकामनयें और प्यार अनुराधा-वन!!
तेरी माइलो!
— डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट