संस्मरण

एक अनोखा रिश्ता

तेरे दिल का मेरे दिल से रिश्ता पुराना है
इन आँखों से हर आँसू मुझको चुराना है…
तू तब है जब कोई नहीं है…!!मेरे सारे आँसू चुराने वाली तू ख़ामोश,आँखों में पानी,चेहरे पर मुस्कुराहट,अपने दर्द में भी ख़ुश रहने वाली,हर फ़ील्ड में पर्फ़ेक्ट गर्ल है,तू मेरी हर दर्द की मेडिसिन है,तू तब है,जब कोई नहीं है,तू जितना मुझे समझती है,जितना और कोई नहीं,जब तेरे हाथ पकड़ती हूँ,तब लगता है अपनी मम्मी के हाथ पकड़ रही हूँ,मिले हुए हमें बोहोत साल हो गये पर वो एहसास मेरे साथ है,तू आँखों में हमेशा पानी लिए,मुस्कुराती हुई,चुप-चुप सी,मेरी सबसे अनमोल दोस्त है!बोहोत ही कम बोलती है,उसूलों की पक्की,हर चीज़ में पर्फ़ेक्ट,दिखावे से कोसों दूर,सोने के दिल वाली लड़की है!हम घंटो बातें करते थे रात को 11 बजे से सुबह 6 बजे तक!पर तू बोहोत कम बोलती थी और में लगातार!वो वक्त वो एहसास कितना क़ीमती है,महसूस होता है हमेशा!तू वो है जिस पल लोग कहते हें कितना हंसती है मिली,तब हंसी के पीछे के सारे दर्द ना जाने कैसे महसूस कर लेती है तू,तुझे पूछने की भी कभी ज़रूरत नहीं पड़ी,मेरी हर बात बिना कहे कैसे समझ जाती है तू!याद है एक बार तू और में बात कर रहे थे,मैंने बताया लोग कहते हें भगवान जो करते हें हमेशा अच्छे के लिए करते हें,कितनी ग़ुस्सा हो गई थी तू,एकदम से ख़ामोश रहने वाली,बोली इसमें क्या अच्छा हुआ कि भगवान जी ने तुझसे तेरी मम्मी को छीना!कैसे बोल पड़ी तू..कैसे कोई इतना अपना हो सकता है,15 साल पहले जब कोई नहीं था साथ,तब मेरे बर्थडे पर रात को 12 बजेविश करके तूने एक फ़ोटोफ़्रेम दिया था पिंक कलर का,मम्मी के साथ की फ़ोटो लगी हुई है उसमें आज भी!तब अपनी दोस्ती हुई ही थी!में कभी तुझे इतना नहीं समझ पाई,पर प्यार कम नहीं हुआ अपना कभी,कई बार बोहोत बोहोत वक्त हम एक दूसरे से बात नहीं कर पाए!तू डाइअमंड है मेरी ज़िंदगी का!तू मेरे सारे आँसू की एकमात्र गवाह है….!!लव यू टू द मून एंड बैक!
— डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट

डॉ. मिली भाटिया आर्टिस्ट

रावतभाटा, राजस्थान मो. 9414940513