बहारों की दुनिया
सफ़र में रहो तुम ,मुलाकात होगी,
मिलोगे अगर तो बहुत बात होगी।
हैं चंदा ये तारे बहारों की दुनिया,
अगर तुम हो तो फिर हँसी रात होगी।
बिछड़कर यूँ तुझसे तो रोया ये दिल,
मगर आज आँखों से बरसात होगी।
नहीं मेरे बस में मेरा मन है देखो,
मुझे थाम लो तो ये सौगात होगी।
तुम्हारे बिना मैं अधूरी हूँ साजन,
मिलो जो अगर वस्ल की रात होगी।
बदल दे ये मौसम हँसी ख़्वाब सच हों,
‘किरण ‘ मेरे रब की करामात होगी।
— प्रमिला ‘किरण’
अति सुंदर