कविता

यादों का संसार तेरा

हकी़कत  नहीं  झूठा  तकरार  तेरा,
मगर यार  सच्चा  दिखा  प्यार तेरा।
भला  है  बुरा  है  तुम्हीं  जानते  हो,
है सच येकि दिल से जुडा तार तेरा।
नहीं  मैं  परेशां   कि  मैं  दूर  तुझसे,
मेरे   पास   यादों  का  संसार  तेरा।
न झगडा न तकरार  कोई किसी से,
बहुत याद  आता  वो  मनुहार तेरा।
फ़िदा है तू मुझ पर  मुझे  ये पता है,
भले ना हो जा़हिर कि इज़हार तेरा।
सताती    बहुत   यार  तेरी   अदाएं,
समझ  से परे  है कि  इकरार  तेरा।
‘किरण’ की  तमन्ना  सदा  ही रहेगी,
कि मुझसे  बने  यार  परिवार  तेरा।

— प्रमिला ‘किरण’

प्रमिला 'किरण'

इटारसी, मध्य प्रदेश