छुट्टियां
“सर जी मुझे छुट्टी चाहिए।“ अभिषेक ने रोहन को कहा जो अभी-अभी ऑफिस आया था और अपनी सीट पर बैठ कर पानी पी रहा था। रोहन ने अभिषेक को साथ वाली खाली कुर्सी पर बैठने को कहा। पानी पीने के बाद रोहन ने अभिषेक से पूछा। “कब चाहिए?”
“सर मुझे लंबी छुट्टी चाहिए। कम से कम साठ छुट्टी चाहिए।“ अभिषेक के इतना कहते ही रोहन मुस्कुरा दिया। “सुबह-सुबह फिर तेरा छुट्टी पुराण आरम्भ हो गया। कितनी बार कहा है हर हफ्ते एक छुट्टी ले लिया कर। अब तू ले नहीं तो मैं क्या करूँ? ऑफिस में सभी महीने में दो चार छुट्टी ले ही लेते हैं। तू भी ले लिया कर, किसने मना किया है।” रोहन ने अभिषेक को वही पुरानी बात दोहराई।
“मेरी छुट्टियां लैप्स हो रही हैं। कैजुअल, मेडिकल लैप्स हो रही हैं। अब पीएल भी लैप्स हो रही हैं। छुट्टियां कैश करवा दो।” अभिषेक ने अपनी बात को दोहराया तब रोहन ने कह दिया। “अंदर केबिन में चला जा, हेड से बात कर ले, लेकिन सोच ले कि ऑफिस के नियमों के खिलाफ कोई नहीं जाएगा।
अभिषेक हेड के केबिन में जा कर विनती करने लगा कि वह कभी छुट्टी नहीं करता है उसकी साठ छुट्टियां लैप्स हो रही है, कैश करवा दीजिए। इतना सुनते ही हेड गर्म हो गया।
“अभिषेक तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है मार्च का महीना है। एकाउंट्स क्लोज करने हैं और तुम छुट्टी मांग रहे हो, छुट्टी चाहिए तब हमेशा के लिए छुट्टी चले जाओ।”
हेड की बात सुन कर अभिषेक हताश हो गया, लेकिन फिर हिम्मत करके छुट्टी कैश कराने की विनती की। “सर आपको मालूम है मुझे कहीं नहीं जाना है, बस कैश मिल जाए।”
“देखो अभिषेक कम्पनी के नियमानुसार छुट्टियां कैश सिर्फ फुल एंड फाइनल सेटलमेंट पर होती हैं। त्यागपत्र दे दो, सारी छुट्टियां कैश करा दूंगा।”
अभिषेक चुपचाप सीट पर बैठ कर काम करने लगा। उसके हेड के केबिन से बाहर आते ही रोहन ने हेड से दो दिन की छुट्टी सैंक्शन करा ली। लीव एप्लीकेशन देख कर अभिषेक ने रोहन से पूछा। “कहाँ जा रहे हैं?”
“जाना कहीं भी नहीं, घर पर बीवी बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताऊंगा। अगले हफ्ते तू छुट्टी ले ले।”
“सर घर बैठूंगा तो खर्चा होगा, बीवी शॉपिंग के लिए बोलेगी। मुझे छुट्टी नहीं चाहिए, बस छुट्टी कैश करवा दो।” रोहन जानता था कि अभिषेक कंजूस है तभी छुट्टी नहीं लेता और कैश करने के चक्कर में रहता है लेकिन कम्पनी जो पिछले महीने तक छुट्टियां कैश कर रही थी उसने नियम बदल दिए और छुट्टियों के बदले कैश की पालिसी बंद कर दी जिस कारण न छुट्टी कैश हो रही थी और न ही मार्च क्लोजिंग के कारण छुट्टी मिल रही थी।
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अब कोरोना वायरस के चलते सम्पूर्ण लॉकडाउन हो गया और सबको बिन मांगे लंबी छुट्टी मिल गई। रोहन ने अभिषेक को फोन किया। “कम्पनी वाले तो तेरी सुनते नहीं है। लगता है तूने सीधे प्रधानमंत्री से सिफारिश की है। प्रधानमंत्री ने तेरी मुराद पूरी कर दी अब लंबी छुट्टी मिल गई और शॉपिंग का भी खर्चा बचा, सब बाजार बंद हैं।” लेकिन अभिषेक के जवाब ने रोहन को निरुत्तर कर दिया। “कोई फायदा नहीं छुट्टी का। सारा दिन बच्चे संभाल रहा हूँ और वाइफ ने तीन महीने का एक मुश्त राशन घर पर डलवा लिया। किराने की दुकान का उधार अलग से चढ़ गया है।”
बेचारा, छुट्टी भी मिली अब बच्चे संभाल रहा है और उधार सिर पर चढ़ गया।