परमात्मा ने हमारे सुख के लिये इस विशाल ब्रह्माण्ड को बनाया हैः स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती
ओ३म्
वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून की पर्वतीय इकाई तपोभूमि में दिनांक 7 मार्च से 28 मार्च तक चतुर्वेद पारायण एवं गायत्री महायज्ञ सम्पन्न हुआ। इस अवधि में योग एवं ध्यान शिविर भी संचालित हुआ। यह आयोजन स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी की प्रेरणा, उनके संरक्षण एवं पोषण सहित उनके मार्गदर्शन में हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा सोनीपत से पधारे शीर्ष वैदिक विद्वान आचार्य सन्दीप जी थे। यज्ञ में वेद मन्त्रोच्चार गुरुकुल पौंधा, देहरादून के चार ब्रह्मचारियों ने किया। यज्ञ में देश के अनेक भागों से लोग यज्ञ शिविर में पधारे और वृहद यज्ञ को सफल किया।
यज्ञ की पूर्णाहुति रविवार दिनांक 28-3-2021 को हुई। इस अवसर पर विद्वानों के प्रवचन सहित माता सुनन्दा एवं साध्वी प्रज्ञा जी का सम्मान हुआ। यज्ञ के प्रत्येक सत्र में स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी सामूहिक यज्ञ प्रार्थना कराते थे। इस समापन दिवस पर प्रार्थना कराते हुए उन्होंने परमात्मा से निवेदन किया कि हे परम कारुणिक परम दयालु परमेश्वर! आप की कृपा तथा आपके द्वारा दी हुई सामग्री से यह छोटा सा उपक्रम हम कर पायें हैं। हम यह यज्ञ एवं अपने सभी पुरुषार्थ आपको अर्पण करते हैं। हमने यह जो यज्ञ किया है इसमें हमारा अपना कुछ भी नहीं है। आप उदार हैं। आपने हमारे हित व सुख के लिये ही इस विशाल ब्रह्माण्ड को बनाया है। आपने हमारे लिए यह पृथिवी वा भूमि कितनी विशाल बनाई है। हमारी इस पृथिवी से संसार के सभी प्राणियों को भोजन मिल रहा है। हमें मनुष्य शरीर भी आपने ही दिया है। आपने हमें ऋषियों के देश में जन्म देकर हम पर महान उपकार किया है। आपने सृष्टि के आरम्भ में हमें व हमारे पूर्वजों को वेदज्ञान दिया। समय व्यतीत होने के साथ वेद हमसे छूटते चले गये। आपकी महान कृपा से उन्नीसवीं शताब्दी में एक महान आत्मा स्वामी दयानन्द सरस्वती जी का आविर्भाव हुआ। उन्होंने वेदों का जन-जन को सन्देश दिया। लोगों ने स्वार्थ वश उन्हें मार दिया। उनके असमय चले जाने से वेद प्रचार का काम अधूरा रह गया। हे परमेश्वर! आप कृपा करके ऋषि दयानन्द के समान पवित्र आत्माओं को हमारे देश में जन्म देकर भेजिये जिससे वेदों का प्रचार होकर हमारा वैदिक धर्म तथा संस्कृति सुरक्षित रहे। हम आपसे वेद धर्म के प्रचार में सहयोग करने की प्रार्थना करते हैं।
स्वामी जी ने कोरोना रोग की भी चर्चा की और ईश्वर से प्रार्थना की कि आप प्राणी मात्र की इस रोग से रक्षा करें। स्वामी चित्तेश्वरानन्द जी ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गुणों व कामों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मोदी जी देश के लिए समर्पित होकर काम कर रहे हैं। वह ईमानदार एवं धीर व गम्भीर पुरुष हैं। लोग उनसे शत्रुता रखते हैं। ईश्वर से स्वामी जी ने कहा कि आप सब प्रकार से मोदी जी रक्षा करें। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने देश की उन्नति के बहुत से अच्छे काम किये हैं। स्वामी जी ने मोदी जी को अपना स्वप्न साकार करने में परमात्मा से सहयोग देने की प्रार्थना की। स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी ने श्री आदित्यनाथ योगी जी के गुणों व कार्यों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सब मनुष्यों को वेद ज्ञान प्राप्त हो। सबकी अविद्या दूर हो जाये। सब विद्या से युक्त हों। स्वामी जी ने कहा हम परस्पर व दूसरों के साथ आर्योचित व्यवहार करें। हम सब बलवान तथा स्वस्थ शरीर हों। परमेश्वर से स्वामी जी ने कहा कि वह सबका मंगल, भला तथा कल्याण करें। इसी के साथ स्वामी जी ने सामूहिक प्रार्थना पूरी की।
स्वामी जी के बाद आचार्य सन्दीप जी, स्वामी आशुतोष जी, रोजड़, डा. महावीर अग्रवाल, कुलपति पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार, साध्वी प्रज्ञा जी तथा आश्रम के मंत्री श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी के सम्बोधन हुए। शान्ति पाठ एवं जयघोष के साथ चतुर्वेद पारायण यज्ञ, गायत्री यज्ञ तथा योग एवं ध्यान शिविर सम्पन्न हुआ। आयोजन की समाप्ति के बाद सबने मिलकर ऋषि लंगर ग्रहण किया। सभी याज्ञिक अपने साधनों वा वाहनों से अपने अपने गृहों को प्रस्थान कर गये। आश्रम का आगामी ग्रीष्मोत्सव दिनांक 12 मई से 16 मई, 2021 तक आयोजित किया जायेगा। ओ३म् शम्।
–मनमोहन कुमार आर्य