जिन्दगी का साथ
मैंने ज़िन्दगी का साथ कुछ यूँ निभा लिया
कुछ भुला के…कुछ मिटा दिया
किसी को अपना बनाया
कभी खुद किसी की हो ली
मैंने ज़िन्दगी का साथ कुछ यूँ निभा लिया
कभी आंसू बहा दिया , कभी प्यार बहा दिया
तेरी बंदगी में जो मिला, वो क़ुबूल कर लिया
मैंने ज़िन्दगी का साथ कुछ यूँ निभा लिया…सुमन