लेखस्वास्थ्य

स्वलीनता के प्रबंधन में अभिभावक की भूमिका अहम्

*विश्व स्वलीनता जागरूकता दिवस (2 अप्रैल) पर विशेष

स्वलीनता एक विकासात्मक दिव्यांगता है। अधिकांश में इसका लक्षण बचपन से शुरू होता है जिसमें बच्चे दूसरों के साथ बातचीत करने तथा अपनी बात को दूसरों को समझाने में समस्या महसूस करते हैं। नेशनल हेल्थ इंस्टिट्यूट के रिपोर्ट के अनुसार भारतवर्ष में 1.5% बच्चों में स्वलीनता का लक्षण पाया जाता है। 10 वर्ष की उम्र तक प्रत्येक 100 बच्चे में से 1 बच्चे में स्वलीनता के लक्षण पाए जाते हैं।


*स्वलीनता के लक्षण:-*
# इशारों से अधिक बातचीत करना
# बातचीत करने में हकलाना
# नाम बुलाने पर कोई प्रतिक्रिया न देना
# बातचीत करते समय आंख न मिलाना
# बच्चों के साथ खेलने के बजाय खिलौनों में अधिक रुचि लेना
# असामान्य तरीके से हाथों, उंगलियों या शरीर के किसी अंग को हिलाना
# प्रयोग न होने वाली वस्तुओं के प्रति अधिक लगाव रखना
# दूसरे के व्यवहारों का अनुकरण न कर पाना
# एक ही व्यवहार को बार-बार दोहराना
# किसी वस्तु की तरफ इशारा करने पर भी उस पर ध्यान न दे पाना
# एक ही बात को बार-बार दोहराना # सीखने की क्षमता में कमी
# सेल्फ केयर में कमी
# कल्पना शक्ति की कमी

*स्वलीनता के कारण:-*
# आनुवांशिक कारण: अध्ययनों में पाया गया है कि अगर परिवार या नजदीकी रिश्तेदार में स्वलीनता की समस्या हो तो उन परिवारों के बच्चों में समस्या होने की संभावना अधिक होती है।
# गुणसूत्रीय विकार
# तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी
# वायरल संक्रमण
# गर्भावस्था की समस्याएं
# गर्भावस्था में बिना चिकित्सक की सलाह के दवाओं का उपयोग
# गर्भावस्था में नशे का सेवन करना # टीकाकरण न कराना
# वायु प्रदूषण

*माता-पिता हेतु टिप्स:-*
# हमउम्र बच्चों के साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित करें
# दोस्त एवं परिवार के सदस्य के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करने का अवसर दें
# बच्चों के गुणों की पहचान कर उसे विकसित करने का प्रयास करें
# बच्चे से संबंधित जानकारियां को नोट करके रखें ताकि चिकित्सक एवं अन्य व्यक्तियों को बता सकें
# बच्चे को सामूहिक रूप से काम करने का अवसर दें
# सामाजिक कौशलों के विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें
# निर्णय लेने की क्षमता विकसित करें # बच्चे से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करें
# बच्चे के साथ मित्रवत व्यवहार करें # तनाव रहित वातावरण प्रदान करें

*स्वलीनता का इलाज:-*
व्यवहार चिकित्सा
वाक् चिकित्सा
ऑक्यूपेशनल थेरेपी
दवाएं

डॉ. मनोज कुमार तिवारी

वरिष्ठ परामर्शदाता ए आर टी सेंटर, एस एस हॉस्पिटल आई एम एस, बीएचयू वाराणसी