कविता

विश्व स्वास्थ्य  दिवस  2021: हमारे जीवन से चला जाए ये कोरोना

आज ईश्वर से ये है प्रार्थना,
कि हमें और इस संसार को शक्ति और बल देना!
जिससे ये पूरी धरा झूम उठे, खिल उठे,
और हमारे जीवन से चला जाए ये कोरोना!
पूरे मानव मात्र के लिए यह एक शिक्षा है
कि यह सृष्टि किसी के आधीन नहीं!
हम जैसे निष्ठुर बुद्धिजीवियों ने प्रकृति को नष्ट कर दिया,
अमूल्य संसाधनों को अस्त व्यस्त कर दिया!
इस वसुंधरा पर बस हमारा ही एकाधिकार नहीं,
यह उन जीवों की भी है, जो यहाँ कुछ क्षणों के लिए पनपते हैं!
यह उन वृक्षों की भी है, जो न जाने कितने वर्षों से यहाँ बसते हैं!
हे ईश्वर, तुम्हारी इस परीक्षा ने बहुत कुछ सिखा दिया,
बहुत कुछ बता दिया और बहुत कुछ जता दिया!
कोरोना जैसा आवर्धक लेंस से दिखने वाला वायरस,
जब इतना त्राहि त्राहि मचा सकता है!
तो सोचों, अपने आप को सबसे शक्तिशाली समझना बस एक भ्रांती है,
इस वक्त आवश्यक है हम सबका साथ मिलकर चलना!
नमस्कार करते हुए, सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करना,
और इस बात से ये शिक्षा लेना कि –
ये धरा बस हमारी नहीं, उन सबकी है जो इसपर रहते हैं।

— रूना लखनवी

रूना लखनवी

नाम- रूना पाठक उप्पल (रूना लखनवी) पता- दिल्ली, भारत मैंने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से विज्ञान में स्नातकोत्तर किया है। वर्तमान में, मैं एक फार्मास्युटिकल कम्पनी में वरिष्ठ प्रबंधक की तरह कार्यरत हूँ। साहित्यिक उपलब्धि :- वूमेन एकस्प्रेस, दक्षिण समाचार प्रतिष्ठा, आज समाचार पत्र , कोलफील्ड मिरर , अमर उजाला काव्य (ऑनलाइन) , पंजाब केसरी (ऑनलाइन) , मॉम्सप्रेस्सो में कविताएँ, लघु कथा कहानी, स्वतंत्र अभिव्यक्ति की रचनाएँ प्रकाशित। सम्पर्क https://www.facebook.com/Runa-Lakhnavi-108067387683685 सम्मान: 1. मॉम्सप्रेस्सो हिन्दी लेखक सम्मान; 2. राष्ट्रीय कवयित्री मंच- नारी शक्ति सम्मान 2020 3. साहित्य संगम संस्थान- सम्मान 4. अभिनव साहित्यिक मंच - सम्मान